नई दिल्ली: लोकसभा में आज दिल्ली शासन एक्ट में संशोधन बिल पेश किये जाने का दिल्ली सरकार ने विरोध किया है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि केंद्र की बीजेपी सरकार संसद में असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक बिल लेकर आई है, इस बिल के पास होने के बाद दिल्ली की जनता द्वारा चुनी हुई सरकार की बजाय उपराज्यपाल ही दिल्ली सरकार बन जाएंगे.
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि दिल्ली की जनता द्वारा विधानसभा और एमसीडी उपचुनाव में खारिज किये जाने के बाद केंद्र में बैठी भाजपा सरकार ने दिल्ली की जनता द्वारा चुनी गई दिल्ली सरकार के अधिकारों को छीन कर उपराज्यपाल को देने के बिल को लाने की तैयारी कर ली है. केंद्र सरकार द्वारा लाया गया यह बिल लोकतंत्र और संविधान की आत्मा के खिलाफ होगा.
मनीष सिसोदिया ने बीजेपी पर दिल्ली का विकास रोकने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस बिल के माध्यम से बीजेपी उपराज्यपाल के साथ पिछले दरवाजे से दिल्ली की जनता पर शासन करने की तैयारी में है. भाजपा की केंद्र सरकार एलजी की शक्तियां बढ़ाकर दिल्ली के विकास को रोकने की तैयारी में है. उन्होंने कहा कि संविधान की व्याख्या के खिलाफ जाते हुए यह बिल पुलिस, भूमि और पब्लिक ऑर्डर के अतिरिक्त उपराज्यपाल को अन्य शक्तियां भी देगा. यह बिल जनता द्वारा चुनी दिल्ली सरकार की ताकत कम कर एलजी को निरंकुश शक्तियां देगा.
मनीष सिसोदिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में संविधान की प्रति पढ़ते हुए कहा कि 4 जुलाई 2018 को सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच ने संविधान के अनुच्छेद 239 AA की व्याख्या करते हुए कहा था कि दिल्ली में जनता द्वारा चुनी हुई सरकार के पास 3 मुद्दों के अलावा राज्य और समवर्ती सूची के बाकी सभी मुद्दों पर निर्णय लेने का अधिकार है. उपराज्यपाल दिल्ली सरकार के लिए गए निर्णयों में कोई बाधा उत्पन्न नहीं करेंगे, लेकिन दिल्ली में अपनी हार से तिलमिलाई भाजपा दिल्ली के उपराज्यपाल के द्वारा दिल्ली में पिछले दरवाजे से शासन करने की तैयारी कर रही है.
मनीष सिसोदिया ने कहा कि इस कानून से एलजी की शक्तियां बढ़ेंगी और दिल्ली की चुनी हुई सरकार के पास दिल्ली की जनता के हितों के लिए निर्णय लेने का अधिकार नहीं बचेगा. एलजी पहले की तरह जनता के हितों के हर मामले में दखल देंगे और दिल्ली के विकास को रोकने का काम करेंगे. यह लोकतंत्र और संविधान की आत्मा के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि बीजेपी दिल्ली में 3 बार हार का मुंह देख चुकी है और बाकी राज्यों की तरह दिल्ली में भी विधायकों को खरीदने का प्रयास किया, लेकिन फेल हो गई. इसलिए दिल्ली के शासन में आने के लिए तानाशाही रवैया अपना रही है.
बीजेपी पर लोकतंत्र का दिखावा करने का आरोप लगाते हुए मनीष सिसोदिया ने कहा कि अगर केंद्र सरकार एलजी को ही सारे निर्णय लेने का अधिकार देना चाहती है, तो लोकतंत्र का दिखावा क्यों करती है? दिल्ली में चुनाव करवाये ही क्यों अगर जनता की चुनी हुई सरकार को जनता के लिए काम करने नहीं देना चाहती है. इस कानून के लागू होने से दिल्ली का विकास रुकेगा, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी यह नहीं चाहती है कि दिल्ली के लोगों को विश्व स्तरीय शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएं मिले, मुफ्त में बिजली और पानी मिल सके. इसलिए एलजी को संविधान के खिलाफ जाते हुए अलोकतांत्रिक तरीके से निरंकुश शक्तियां दी जा रही हैं. एक तरफ तो बीजेपी ने अपने चुनावी घोषणपत्र में दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाने की बात की थी, लेकिन जनता द्वारा नकारे जाने के बाद अब राज्यपाल के माध्यम से शासन में आना चाहती है.