नई दिल्लीः अयोध्या में विवादित जमीन पर एक तरफ हिंदू संगठन रामलला का भव्य मंदिर बनवाना चाहते हैं तो दूसरी और मुस्लिम संगठनों की मांग है कि इस जमीन पर मस्जिद का निर्माण हो. इस बीच दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी अपना पक्ष रखा है. दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि विवादित जमीन पर यूनिवर्सिटी बना दिया जाए. देश में राम राज्य की शुरुआत शिक्षा के जरिए ही हो सकती है न कि मंदिर के निर्माण से.


यूनिवर्सिटी बनाने को लेकर जोर देते हुए सिसोदिया ने कहा, ''मेरा मानना है कि दोनो पक्षों की सहमति से विवादित स्थल पर अच्छी यूनिवर्सिटी का निर्माण करवा दिया जाए. जिससे शिक्षा का प्रकाश फैल सके.''


एक निजी हिंदी टीवी चैनल से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, ''राम राज्य तभी आ सकता है जब यहां यूनिवर्सिटी बनवा दिया जाए और इसमें हिंदू, मुस्लिम, इसाई विदेशी भारतीय सभी लोग पढ़ें. यहां से पढ़ कर निकले छात्र देश के अलग-अलग हिस्सों में शिक्षा का दीप जलाएं. ''


देश में जारी सांप्रदायिक की राजनीति को लेकर सिसोदिया ने कहा कि यह तभी खत्म हो सकता है जब शिक्षा का उजाला चारों ओर फैले. उन्होंने आगे कहा, ''जब मैं जापान के एक यूनिवर्सिटी में था उस समय वहां के लोग विचार कर रहे थे कि कार को हाइड्रोजन से कैसे चलाई जाए. ठीक उसी समय भारत में हनुमान की जाति पर बहस जारी थी. वाकई यह दुर्भाग्य का विषय है कि पर इसका समाधान सिर्फ और सिर्फ शिक्षा से ही निकल सकता है.''


बिना किसी का नाम लिए उन्होंने पीएम मोदी पर हमला बोला. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि एक तरफ आप डिजिडल इंडिया की बात करते हैं तो दूसरी ओर विजय माल्या की तरह मुद्दों से भागते हैं. उन्होंने यह भी जोड़ा कि यूनिवर्सिटी के स्तर से में भी जातिवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है.


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