India-China Border Clash: भारतीय और चीनी सैनिकों की तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के निकट एक स्थान पर 9 दिसंबर को झड़प हुई, जिससे दोनों पक्षों के कुछ जवान घायल हुए हैं. इस घटना के बाद समूचा विपक्ष केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर है. विपक्ष के तमाम नेता केंद्र सरकार से लगातार सवाल पूछ रहे हैं. 


इसी क्रम में कांग्रेस सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने मंगलवार को कहा कि संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में इस मामले पर व्यापक चर्चा होनी चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि सरहद पर स्थिति बिगड़ती जा रही है. चीन बॉर्डर पर ऐसा क्यों कर रहा है. क्या भारत सरकार के पास इस बात की पुख्ता जानकारी है. 


व्यापक चर्चा के लिए सरकार को खुद पहल करनी चाहिए: मनीष तिवारी 


इस दौरान उन्होंने कहा कि भारतीय सेना पर हमें पूरा भरोसा है. जब भी जरूरत पड़ी, हमारी सेना ने अपना पूरा दमखम दिखाया. भारतीय सेना हर अवसर पर कामयाब भी रही. उन्होंने आगे कहा कि सरकार को आधिकारिक तौर पर देश को अवगत कराना चाहिए, ताजा हालत के बारे में बताना चाहिए. इसके साथ ही सरकार को इस मसले पर व्यापक चर्चा के लिए खुद पहल करना चाहिए. 


पीएम मोदी अपनी छवि बचाने के लिए देश को खतरे में डाल रहे हैं: कांग्रेस 


इससे पहले कांग्रेस ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी छवि बचाने के लिए देश को खतरे में डाल रहे हैं. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्वीट किया, एक बार फिर हमारे सैनिकों को चीन ने उकसाया है. हमारे सैनिकों ने बहादुरी से मुकाबला किया और कुछ जवान घायल भी हुए. हम राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर राष्ट्र के रूप में एक हैं और इसका राजनीतिकरण नहीं करेंगे. लेकिन मोदी सरकार को एलएसी पर चीन की आक्रामकता और अप्रैल 2020 से हो रहे निर्माण कार्य को लेकर ईमानदार होना चाहिए.


एक भी जवान नहीं हुआ शहीद: रक्षा मंत्री 


रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में कहा कि तवांग में झड़प के दौरान दोनों ओर से कुछ जवान घायल हुए हैं. मैं सदन को बताना चाहता हूं कि झड़प में हमारे एक भी जवान ना तो शहीद हुआ है और ना ही कोई गंभीर रूप से घायल हुआ है. भारतीय जवानों के समय पर हस्तक्षेप के कारण चीनी सैनिक वापस लौट गए.


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