तिरूवनंतपुरम: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने आज केंद्र सरकार पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि 2016 में बगैर सोच-विचार के लिए गए नोटबंदी के फैसले के चलते देश में बेरोजगारी चरम पर है और अनौपचारिक क्षेत्र खस्ताहाल है.


उन्होंने राज्यों से नियमित रूप से परामर्श नहीं करने को लेकर भी केंद्र की मोदी सरकार की आलोचना की. आर्थिक विषयों के ‘थिंक टैंक’ राजीव गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट स्टडीज द्वारा डिजिटल माध्यम से आयोजित एक विकास सम्मेलन का उदघाटन करते हुए सिंह ने टिप्पणी की.


उन्होंने कहा कि बढ़ते वित्तीय संकट को छिपाने के लिए भारत सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा किये गए अस्थायी उपाय के चलते आसन्न लोन संकट से छोटे और मंझोले (उद्योग) क्षेत्र प्रभावित हो सकते हैं और इस स्थिति की हम अनदेखी नहीं कर सकते हैं.


उन्होंने कहा, ‘‘ बेरोजगारी चरम पर है और अनौपचारिक क्षेत्र खस्ताहाल है. यह संकट 2016 में बगैर सोच-विचार के लिए गये नोटबंदी के फैसले के चलते पैदा हुआ है.’’


सम्मेलन का आयोजन एक दृष्टि पत्र पेश करने के लिए किया गया है, जो केरल में विधानसभा चुनाव से पहले राज्य के विकास पर विचारों का एक प्रारूप है.


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