PM मोदी पर मनमोहन का वार, बोले- बेरोजगारी बढ़ी, दलित-अल्पसंख्यकों में असुरक्षा का माहौल
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि महिला, दलित और अल्पसंख्यक असुरक्षा के माहौल में रह रहे हैं. मोदी सरकार धीरे ही सही, लेकिन उन मूल्यों को समाप्त कर रही है, जिसकी रक्षा किसी भी लोकतांत्रिक पार्टी को करनी चाहिए.
नई दिल्ली: वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल की किताब शेड्स ऑफ ट्रुथ के विमोचन के मौके पर वक्ताओं ने मोदी सरकार पर जम कर हमले किए. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने केंद्र की मोदी सरकार को जम कर घेरा. मनमोहन सिंह ने रोजगार, खेती से लेकर सीमाओं की सुरक्षा को लेकर मोदी सरकार को नाकाम बताया. मनमोहन सिंह ने कहा कि चार सालों में सरकार वादे पूरा करने में असफल रही. सरकार पर बड़ा हमला करते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि आज महिलाओं, दलितों और अल्पसंख्यकों में असुरक्षा की भावना है. वहीं सिब्बल ने कहा कि गठबंधन की राजनीति ही देश को आगे लेकर जा सकती है.
इस मौके पर कांग्रेस के तमाम वरिष्ठ नेता तो मौजूद थे ही सीताराम येचुरी, शरद यादव, प्रफुल्ल पटेल, फारूक अब्दुल्ला जैसे प्रमुख विपक्षी नेता भी पहुंचे. जाहिर है अगले लोकसभा चुनाव पर भी चर्चा हुई जिस दौरान येचुरी ने कहा कि अगला चुनाव मोदी बनाम भारत होगा. आपको बता दें कि कपिल सिब्बल ने अपनी नई किताब में मोदी सरकार के चार सालों की जम कर आलोचना की है साथ ही यूपीए की हार की समीक्षा भी की है.
मनमोहन सिंह ने कहा कि लोगों से किए गए वादे पूरे करने में सरकार असफल रही है. कृषि संकट नहीं सुलझा सकी है. किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. युवा हर साल 2 करोड़ नौकरी का इंतजार कर रहे हैं. चार सालों में रोजगार दर घटा है.
उन्होंने कहा, "महिला, दलित और अल्पसंख्यक असुरक्षा के माहौल में रह रहे हैं. मोदी सरकार धीरे ही सही, लेकिन उन मूल्यों को समाप्त कर रही है, जिसकी रक्षा किसी भी लोकतांत्रिक पार्टी को करनी चाहिए."
उन्होंने मोदी सरकार की मेक इन इंडिया और स्टैंड अप इंडिया जैसी महात्वाकांक्षी योजनाओं पर सवाल उठाते हुए कहा, ''औद्योगिक उत्पादन और आयात सुस्त हुआ है. मेक इन इंडिया और स्टैंड अप इंडिया जैसे कार्यक्रम औद्योगिक उप्तादन में अभी तक पर्याप्त प्रभाव नहीं डाल पाए हैं."
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि छोटे उद्योगों को अभी भी इज ऑफ डूइंग बिजनेस से फायदा होना बाकी है और नोटबंदी व जीएसटी से ये उद्योग प्रभावित हुए हैं. मनमोहन सिंह ने कहा कि हमारी सीमाऐं असुरक्षित हैं. पड़ोसियों से रिश्ते बेहतर नहीं हैं. उन्होंने ये भी कहा कि देश को एक वैकल्पिक विचार की जरूरत है.
गठबंधन ही देश को आगे ले कर जा सकता है: सिब्बल इस मौके पर कपिल सिब्बल ने गठबंधन की राजनीति को देश के लिए जरूरी बताया. उन्होंने दलील दी कि गठबंधन की सरकार में कई ऐतिहासिक काम हुए. 1991 में उदारीकरण शुरू हुआ. 1997 में चिदम्बरम का ड्रीम बजट आया. बिना नाम लिए सिब्बल ने अटल सरकार के काम का हवाला देते हुए कहा कि स्वर्णिम चतुर्भुज, सर्व शिक्षा अभियान गठबंधन सरकार के दौर में आए.
सिब्बल ने कहा कि गठबंधन सरकार में ही भारत-अमेरिका परमाणु समझौता हुआ. सूचना का अधिकार, शिक्षा का अधिकार जैसे कानून बने. सिब्बल ने कहा कि ये गठबंधनों का देश है. गठबंधन ही इस देश को आगे ले कर जा सकता है.
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मोदी सरकार पर हमला करते हुए सिब्बल ने कहा कि चार सालों में बहुमत की सरकार में नोटबन्दी हुई. GST को खराब तरीके से लागू किया गया. सिब्बल ने कहा कि आज पार्टी सरकार चला रही है ना कि सरकार देश चला रही है. हर संस्थान में एक खास विचारधारा के लोग भरे जा रहे हैं
अगला चुनाव मोदी बनाम भारत: येचुरी बाद में चर्चा के दौरान अगली सरकार और विपक्ष की रणनीति पर दिलचस्प चर्चा हुई. सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि अगला चुनाव मोदी बनाम भारत का चुनाव होगा. राहुल गांधी के सवाल पर शरद यादव ने कहा कि राहुल सच्चे नेता हैं. हालांकि विपक्ष के प्रधानमंत्री के चेहरे के सवाल पर उन्होंने कहा कि भी बिना विकल्प के देश में कई सरकारें बन चुकी है.
हाल में ही बीजेपी से तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए चंदन मित्रा ने ये कह कर सबको चौंका दिया कि चेहरा क्षेत्रीय पार्टी से होना चाहिए. हालांकि उन्होंने ममता बनर्जी का नाम नहीं लिया लेकिन कहा कि चेहरे का एलान करना चाहिए. वहीं पी चिदंबरम ने कहा कि हर राज्य में बीजेपी को हराने के लिए गठबंधन बनेगा. आम राय यही थी कि चुनाव के बाद ही प्रधानमंत्री को लेकर फैसला किया जाएगा.
महाभियोग के बाद ठीक फैसले आने लगे : शरद यादव चर्चा के दौरान सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग का मामला भी उठा. चिदम्बरम ने कहा कि इस मुद्दे पर पार्टी में दो राय थी. एक वर्ग इसके पक्ष में था दूसरा इसलिए इसके विरोध में था क्योंकि ये प्रक्रिया के पहले ही चरण में लुढ़क जाता. मैं भी विरोध में था. हालांकि पार्टी ने महाभियोग के पक्ष में फैसला किया लेकिन ये पहले चरण को ही पार नहीं कर सका. पहली बार कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता ने सार्वजनिक तौर पर स्वीकार किया है कि इस मुद्दे पर पार्टी में आमराय नहीं थी. सीताराम येचुरी ने कहा कि कांग्रेस ने फैसला लेने में देरी कर दी. वहीं इस चर्चा को खत्म करते हुए शरद यादव ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि कुछ भी हुआ हो महाभियोग के बाद ठीक फैसले आने लगे.
पंजाब धर्मग्रंथ अपमान कानून से सहमत नहीं: चिदम्बरम पी चिदंबरम ने तमाम मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखी. हाल में ही कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार द्वारा पंजाब विधानसभा से पास कराए गए धर्मग्रंथ अपमान कानून पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि मैं ऐसे कानून कर पक्ष में नहीं हूं लेकिन पंजाब की विधानसभा ने इसे पास किया है. चिदम्बरम ने कहा कि इस मुद्दे पर कांग्रेस का स्टैंड मुझे नहीं पता. हालांकि इस कानून को समर्थन सभी पार्टियों ने किया था. आपको बता दें कि इस कानून के तहत धर्मग्रंथों के अपमान के मामले में उम्रकैद तक कि सजा का प्रावधान है जिसकी उदारवादी लोग आलोचना कर रहे हैं.
वहीं इस सवाल पर कि क्या कांग्रेस पार्टी में अहंकार आ गया था के जवाब में चिदम्बरम ने तीखे अंदाज में पूछा कि कौन अहंकारी हो गया था? क्या प्रधानमंत्री अहंकारी हो गए थे? चिदम्बरम का बयान इसलिए अहम है क्योंकि आपको ध्यान होगा कि राहुल गांधी कई बार ये कह चुके हैं कि दस सालों की सत्ता के बाद कांग्रेस पार्टी में अहंकार आ गया था.