Manmohan singh Death: मनमोहन सिंह का वो काम जिसका किसान आज भी करते हैं गुणगान, जानें क्या था
Manmohan Singh: किसानों ने 2008 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार द्वारा शुरू की गई ऐतिहासिक कृषि ऋण माफी और ऋण राहत योजना को याद किया.
Manmohan singh Death: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह का गुरुवार (26 दिसंबर) को 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया. उनके निधन के बाद पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई. उन्होंने अपने प्रधानमंत्री रहते कई ऐसे काम किए जिसकी आज भी चर्चा होती है. ऐसा ही एक फैसला किसानों से जुड़ा है. दरअसल किसान पिछले 10 महीनों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानूनी गारंटी और कर्ज माफी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. TOI की रिपोर्ट के मुताबिक, किसानों ने 2008 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार द्वारा शुरू की गई ऐतिहासिक "कृषि ऋण माफी और ऋण राहत योजना" को आज याद किया. यह योजना भारतीय कृषि इतिहास की सबसे बड़ी ऋण माफी थी, जिसने देशभर में 71,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज माफ किया था.
भारत में पहली कृषि ऋण माफी 1990 में लागू की गई थी. इसे "कृषि और ग्रामीण ऋण राहत योजना" के नाम से जाना जाता है, जिसमें चुनिंदा ऋणों पर 10,000 रुपये तक की राहत दी गई थी. इस योजना का कुल मूल्य लगभग 7,800 करोड़ रुपये था. हालांकि, कृषि ऋण माफी जैसे अल्पकालिक उपायों को अक्सर आलोचना का सामना करना पड़ता है, फिर भी किसान मंच जैसे संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) इन मांगों को जोर-शोर से उठाते रहे हैं.
आंदोलन के समन्वयक सरवन सिंह पंढेर ने TOI से कहा, "हम चाहते हैं कि केंद्र किसानों को राहत देने के लिए उनका कर्ज माफ करे." इसके अलावा, किसान MSP पर कानूनी गारंटी की मांग को भी अपनी प्रमुख प्राथमिकता बता रहे हैं.
डॉ. मनमोहन सिंह सुधारवादी नेता और किसानों के संरक्षक
डॉ. मनमोहन सिंह केवल किसानों को राहत पहुंचाने वाले काम नहीं किए बल्कि, उन्होंने भारत की आर्थिक दिशा बदलने वाले सुधारों की नींव रखी. 1991 में वित्त मंत्री के रूप में, उन्होंने केंद्रीय बजट 1991-92 पेश किया, जिसने भारत को आर्थिक पतन से उबारा और उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण के युग की शुरुआत की. प्रधानमंत्री के रूप में 2004 में वापसी के बाद, उन्होंने मनरेगा, भोजन का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, और आधार जैसी योजनाओं को लागू करके सामाजिक कल्याण को नई दिशा दी. 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान, उनके आर्थिक प्रोत्साहन उपायों ने भारत को गंभीर आर्थिक संकट से बचाया.
डॉ. सिंह के निधन पर देश की प्रतिक्रिया
डॉ. सिंह के निधन ने पूरे देश को शोक में डुबो दिया. उनके सौतेले भाई सुरजीत सिंह कोहली ने भी इस गहरे नुकसान पर अपनी भावनाएं व्यक्त कीं. उन्होंने कहा, "मैं अभी इस समाचार को पूरी तरह से स्वीकार नहीं कर पा रहा हूं."