पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की वो कौन सी इच्छा थी जो हमेशा के लिए अधूरी रह गई
Manmohan Singh Death: केंद्र सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर सात दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है. डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा.
Manmohan Singh Death: देश के पूर्व प्रधानमंत्री और प्रख्यात अर्थशास्त्री डॉ.मनमोहन सिंह का गुरुवार (26 दिसंबर) को निधन हो गया. उन्होंने 92 साल की उम्र में अंतिम सांस ली. केंद्र सरकार ने सात दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है और शुक्रवार को होने वाले सभी सरकारी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं. पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा.
डॉ. मनमोहन सिंह अपने जीवन में अपनी एक इच्छा को पूरा नहीं कर सके. उनकी इस इच्छा के बारे में कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था.
राजीव शुक्ला ने किया था खुलासा
डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म पाकिस्तान के इस्लामाबाद से सौ किलोमीटर दक्षिण पूर्व में बसे गाह गांव में हुआ था. इसी गांव के प्राइमरी स्कूल में ही उन्होंने कक्षा चार तक की पढ़ाई की थी. विभाजन के बाद उनका परिवार पाकिस्तान से भारत आ गया था. डॉ. मनमोहन सिंह विदेश में नौकरी करने के दौरान एक बार पाकिस्तान गए थे.
UNFILTERED by Samdish को दिए एक इंटरव्यू में कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने बताया था कि विदेश में नौकरी करने के दौरान वो अपने दोस्त के साथ रावलपिंडी गए थे. तब वे उस गुरुद्वारे में गए थे, जहां बचपन में बैसाखी के दिन जाते थे. इस दौरान वो अपने गांव नहीं गए थे.
देखना था अपना प्राइमरी स्कूल
इस इंटरव्यू में राजीव शुक्ला ने बताया था, "मैं एक बार पाकिस्तान से वापस आने के बाद उनके साथ PM हाउस में बैठा हुआ था. तभी उन्होंने मुझसे कहा था कि पाकिस्तान जाने का मेरा भी मन है. मैं उनसे पूछा कि आप पाकिस्तान में कहां पर जाना चाहते हैं तो उन्होंने जवाब में कहा कि मैं अपने गांव जाना चाहता हूं.
उन्होंने आगे बताया, "मैंने उनसे सवाल किया कि वो क्या अपना पुश्तैनी घर देखना चाहते हैं तो उन्होंने कहा कि मेरा घर तो बहुत पहले ही खत्म हो गया था. मैं उस स्कूल को देखना चाहता हूं, जहां पर मैंने मैंने कक्षा चार तक पढ़ाई की थी. हालांकि वो कभी पाकिस्तान नहीं जा पाए और उनकी ये इच्छा पूरी नहीं हो पाई.