Manmohan Singh Death: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार (26 दिसंबर, 2024) को निधन हो गया. उन्हें सांस लेने में दिक्कत आने के बाद रात करीब 8 बजे दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के आपातकालीन विभाग में भर्ती कराया गया था. मनमोहन सिंह महान शख्सियत थे, उनका व्यवहार ऐसा था कि विरोधी भी गले लग जाते थे. एक बार पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ 2023 में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान की थी, उस समय भारत ने जी20 की अध्यक्षता की थी, और यह शिखर सम्मेलन भारत की कूटनीतिक उपलब्धियों का प्रतीक बन गया था. रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत के रुख की सराहना करते हुए उन्होंने कहा था कि भारत ने "सही काम" किया है.


इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा था, "मुझे बहुत खुशी है कि जी-20 की अध्यक्षता के लिए भारत को बारी-बारी से मौका मेरे जीवनकाल में मिला और मैं जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत द्वारा विश्व नेताओं की मेजबानी का गवाह हूं. विदेश नीति हमेशा से भारत के शासन ढांचे का एक महत्वपूर्ण तत्व रही है, लेकिन यह कहना उचित है कि यह पहले की तुलना में आज घरेलू राजनीति के लिए और भी अधिक प्रासंगिक और महत्वपूर्ण हो गई है., जबकि दुनिया में भारत की स्थिति घरेलू राजनीति में एक मुद्दा होना चाहिए, लेकिन पार्टी या व्यक्तिगत राजनीति के लिए कूटनीति और विदेश नीति का उपयोग करने में संयम बरतना भी उतना ही महत्वपूर्ण है."


'भारत ने सही काम किया'
उन्होंने कहा था, "जब दो या दो से अधिक शक्तियां संघर्ष में फंस जाती हैं, तो दूसरे देशों पर पक्ष चुनने का बहुत दबाव होता है. मेरा मानना ​​है कि भारत ने शांति की अपील करते हुए अपने संप्रभु और आर्थिक हितों को प्राथमिकता देकर सही काम किया है. जी-20 को कभी भी सुरक्षा संबंधी संघर्षों को निपटाने के लिए मंच के रूप में नहीं देखा गया था. जी-20 के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह सुरक्षा मतभेदों को अलग रखे और जलवायु, असमानता और वैश्विक व्यापार में विश्वास की चुनौतियों से निपटने के लिए नीति समन्वय पर अपना ध्यान केंद्रित रखे."


'प्रधानमंत्री को सलाह देना मेरे लिए उचित नहीं'
चीन के साथ भारत के संबंधों पर उन्होंने कहा, "जटिल कूटनीतिक मामलों को कैसे संभालना है, इस बारे में प्रधानमंत्री को सलाह देना मेरे लिए उचित नहीं है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग नहीं लेने का फैसला किया है. मुझे उम्मीद है और मेरा मानना ​​है कि प्रधानमंत्री भारत की क्षेत्रीय और संप्रभु अखंडता की रक्षा करने और द्विपक्षीय तनाव को कम करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएंगे."


'संत पुरुष थे मनमोहन'
बता दें कि डॉ. मनमोहन सिंह को अक्सर एक संत पुरुष के रूप में संदर्भित किया जाता था. उन्होंने कभी दिखावे की राजनीति नहीं की. वे बेहद सादगी से रहते थे और उनका जीवन सच्चाई और ईमानदारी का प्रतीक था. राजनीति में एक ऐसा दौर जब घोटालों और विवादों की भरमार थी, डॉ. सिंह की छवि एक ईमानदार और पारदर्शी नेता की रही.उनके आलोचक भी उनकी ईमानदारी पर सवाल नहीं उठा सके.



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