Manmohan Singh Funeral: आर्थिक सुधारों के जनक पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पंचतत्व में विलीन हो गए. पूर्व पीएम की बेटी ने उन्हें मुखाग्नि दी. उनका निगम बोध घाट पर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. तीनों सेनाओं ने उन्हें सलामी दी. इससे पहले निगम बोध घाट पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, पीएम नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने उन्हें श्रद्धांजली दी. राहुल गांधी ने उन्हें कंधा भी दिया.


इससे पहले आम दर्शन के लिए उनके पार्थिव शरीर को कांग्रेस मुख्यालय में रखा गया. यहां मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी समेत तमाम कांग्रेसी नेताओं ने उनके अंतिम दर्शन किए.


कांग्रेस मुख्यालय में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था शव


पूर्व प्रधानमंत्री का पार्थिव शरीर उनके आवास से सुबह करीब नौ बजे कांग्रेस मुख्यालय लाया गया, जहां पार्टी के नेता और कार्यकर्ता उनके अंतिम दर्शन के लिए पहले से ही इंतजार कर रहे थे.  मनमोहन सिंह का पार्थिव शरीर रखे जाने के बाद सोनिया गांधी, खरगे, राहुल गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा तथा पार्टी के कई अन्य नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. मनमोहन सिंह की पत्नी गुरशरण कौर और उनके परिवार के कुछ अन्य सदस्य भी कांग्रेस मुख्यालय में मौजूद थे. गुरशरण कौर ने भी पुष्प अर्पित करके अपने पति को अंतिम विदाई दी. राहुल गांधी मनमोहन सिंह के परिवार को ढांढस बंधाते हुए उनके साथ पार्टी मुख्यालय के भीतर दाखिल हुए थे. 


10 साल रहे देश के प्रधानमंत्री 


मनमोहन सिंह 2004 से 2014 तक 10 वर्ष देश के प्रधानमंत्री रहे और उससे पहले उन्होंने वित्त मंत्री के रूप में देश के आर्थिक ढांचे को मजबूत करने में मदद की. उनके नेतृत्व वाली सरकार ने सूचना का अधिकार (आरटीआई), शिक्षा का अधिकार (आरटीई) और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) जैसी युग परिवर्तनकारी योजनाओं की शुरूआत की. मनमोहन सिंह 1991 में नरसिम्हा राव सरकार में भारत का वित्त मंत्री नियुक्त किया गया था. 


(इनपुट पीटीआई के साथ)