1000 गज जमीन नहीं दे पाई केंद्र सरकार
दिल्ली के मंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के नेता सौरभ भारद्वाज ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया है. उन्होंने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा, "आज सुबह एक खबर मैंने पढ़ी और उस खबर को देख के मैं हैरान हूं स्तब्ध हूं कि देश के 10 साल प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह जिनको पूरी दुनिया एक विद्वान मानती है, उनकी इकोनॉमिक पॉलिसी दुनिया भर के विश्वविद्यालयों में पढ़ी जाती हैं,जिन्होंने देश को आर्थिक मंदी से बचाया आर्थिक उदारीकरण के अंदर देश को आगे लेकर गए."
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मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार पर बढ़ा विवाद, इमरान प्रतापगढ़ी बोले- 'देश के किसी पूर्व PM की निगम बोध घाट पर नहीं हुई अंत्येष्टि'
Manmohan Singh Death: पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का दिल्ली के निगम बोध घाट पर राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार हुआ. हालांकि अंतिम संस्कार को लेकर सियासी विवाद भी गहरा गया.
Manmohan Singh Funeral Dispute: दिल्ली के निगम बोध घाट पर अंतिम श्रद्धांजलि देने के बाद पूर्व प्रधान मंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. हालांकि अब उनके अंतिम संस्कार को लेकर विवाद शुरू हो गया है. कांग्रेस समेत दूसरी कई पार्टियों के नेताओं ने इसे लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है.
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि मनमोहन सिंह के लिए अलग से स्मारक स्थल आवंटित न करके, मोदी सरकार ने सिख समुदाय के इकलौते प्रधानमंत्री का अनादर किया है. इस विवाद में आम आदमी पार्टी (AAP) भी शामिल हो गई है, जिसने सरकार के निर्णय पर सवाल उठाए हैं. कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह जैसे व्यक्तित्व के लिए निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार करना उचित नहीं था.
'उन्हें एक स्मारक में सीमित करना उचित नहीं'
कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा "मुझे लगता है कि देश के किसी पूर्व प्रधानमंत्री का अंतिम संस्कार निगम बोध घाट पे नहीं हुआ. जहां स्मारक बनना था, अंतिम संस्कार वहां होना चाहिए था, लेकिन ठीक है वो इतने बड़े थे कि यह सारी चीजें उनके सामने बहुत छोटी है. डॉ. मनमोहन सिंह की यादों को एक मेमोरियल में समेट के नहीं रखा जा सकता. पूरा देश उनका कर्जदार है लगा सका ना कोई उसके कद का अंदाजा वह आसमां था, मगर सर झुका के रहता था"
उन्होंने आगे कहा, "डॉक्टर साहब हमारे बीच में नहीं रहे, हम सब बहुत भावुक हैं और आपने देखा होगा कि आसमान भी पिछले दो दिन से रो रहा है उनके जाने पर तो हम उनके गम में शामिल हैं, उनके परिवार के गम में शामिल है, लेकिन सरकार से हम और संवेदनशीलता की उम्मीद रखते हैं" .
'देश उनका कर्ज़दार'
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मनमोहन सिंह के योगदान की प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह ने न केवल देश को आर्थिक संकट से बाहर निकाला, बल्कि उनकी योजनाओं, जैसे मनरेगा, राइट टू एजुकेशन और राइट टू फूड, ने करोड़ों भारतीयों की जिंदगी में सुधार लाया. सुक्खू ने मनमोहन सिंह को देश का कर्ज़दार बताया और कहा कि उनके जाने से देश को एक बड़ा नुकसान हुआ है. उन्होंने दिल्ली के निगम घाट पर उनके अंतिम संस्कार को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए इसे एक "शर्मसार करने वाला" मामला बताया.
उन्होंने आगे कहा, "एक सिख समुदाय से आने वाले प्रधानमंत्री को आज दिल्ली के निगम घाट में उनका संस्कार किया जाएगा. निगम बोध घाट मनमोहन सिंह जी के लिए क्या हमारे देश की राजनीति आज इतनी निम्न हो गई कि केंद्र सरकार 10 साल रहे एक विद्वान प्रधानमंत्री के लिए 1000 गज जमीन दिल्ली में नहीं दे पा रही है. मुझे लगता है यह बहुत शर्मसार करने वाली बात है और केंद्र सरकार को इन मामलों के अंदर राजनीति नहीं करनी चाहिए."
केंद्र सरकार की तरफ से क्या कहा गया?
मामले पर केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया है कि डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार निगम बोध घाट पर ही होगा और सरकार उनका स्मारक बनवाएगी, लेकिन स्मारक कहां बनेगा, वो जगह चुनने में कुछ दिन लग सकते हैं. जिसको लेकर कांग्रेस की तरफ से आरोप लगाया जा रहा है कि मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार और स्मारक के लिए उपयुक्त स्थान का चयन न करके जानबूझकर देश के पहले सिख प्रधानमंत्री का अपमान किया गया है.
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अवधेश कुमार, राजनीतिक विश्लेषक
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