Manmohan Singh Struggle To Success: 'जब चॉकलेट खाकर किया गुजारा', बेटी ने सुनाए मनमोहन सिंह के अनसुने किस्से
Manmohan Singh: पूर्व PM डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के बाद देशभर में शोक की लहर है. उनके जीवन से जुड़े संघर्ष और सादगी के किस्से एक बार फिर चर्चा में हैं जो उनकी बेटी की किताब में उजागर हुए हैं.
Manmohan Singh Personal Journey: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के बाद पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है. राजनीति के हर पक्ष, आम जनता और उनके करीबी सभी उन्हें याद कर रहे हैं. उनकी सादगी, विद्वता और योगदान ने उन्हें हमेशा के लिए खास बना दिया.
डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म पंजाब के गाह गांव में हुआ था जो कि अब पाकिस्तान का हिस्सा है. उनके जीवन का संघर्ष और सरलता उनके व्यक्तित्व का अभिन्न हिस्सा रही. कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान पैसों की कमी ने उन्हें कई मुश्किलों का सामना कराया. उनकी बेटी दमन सिंह ने अपनी किताब "स्ट्रिक्टली पर्सनल: मनमोहन एंड गुरु शरण" में खुलासा किया कि कैसे उनके पिता ने कठिन समय में दिनभर चॉकलेट खाकर गुजारा किया था.
कैंब्रिज के दिनों की चुनौतियां
दमन सिंह के अनुसार मनमोहन सिंह की पढ़ाई का खर्च 600 पाउंड था जबकि उन्हें पंजाब यूनिवर्सिटी से सिर्फ 160 पाउंड की स्कॉलरशिप मिलती थी. बाकी पैसों के लिए वह अपने परिवार पर निर्भर थे. फालतू खर्चों से बचने के लिए उन्होंने कभी बाहर खाना नहीं खाया और बियर या वाइन जैसे महंगे ऑप्शन से हमेशा दूरी बनाई. अगर घर से पैसे समय पर नहीं पहुंचते थे तो वह केवल छह पेंस की कैडबरी चॉकलेट खाकर दिन गुजारते थे.
सादगी और आत्मनिर्भरता का उदाहरण
मनमोहन सिंह ने जीवनभर किसी से पैसे उधार लेने से परहेज किया. जरूरत पड़ने पर उन्होंने केवल अपने करीबी दोस्त मदन लाल सुडा की मदद ली. परीक्षा में प्रथम आने के बाद भी उन्होंने अपने परिवार से पैसे भेजने को मना कर दिया और अगले साल तक स्कॉलरशिप मिलने का इंतजार किया.
पारिवारिक जीवन में खुशियों के पल
दमन सिंह ने अपनी किताब में बताया कि मनमोहन सिंह फैमिली गेट-टुगेदर और पिकनिक के दौरान गाना गाने में आनंद लेते थे. वह बहादुर शाह जफर की गजलें और अमृता प्रीतम की कविताएं गाया करते थे. उनके परिवार और दोस्तों के बीच वह निकनेम देकर हंसी-मजाक करने वाले व्यक्ति थे. उन्होंने अपनी पत्नी को "गुरुदेव" और अपनी बेटियों को "किक" "लिटिल नॉन" और "लिटिल राम" जैसे नाम दिए थे.
राजनीति में एक विद्वान और सादगी का प्रतीक रहे डॉ. सिंह
डॉ. मनमोहन सिंह राजनीति में अपने सादगी भरे व्यक्तित्व और अर्थशास्त्र में योगदान के लिए जाने गए. प्रधानमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल ने देश को आर्थिक स्थिरता की ओर अग्रसर किया. उनकी सादगी और शांत स्वभाव ने उन्हें जनता और विपक्ष के बीच भी सम्माननीय बनाया.
शनिवार ( 28 दिसंबर) को उनकी पार्थिव शरीर को कांग्रेस मुख्यालय लाया गया जहां सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी सहित कई बड़े नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. मनमोहन सिंह भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके किस्से और उनकी यादें लोगों के दिलों में हमेशा जीवित रहेंगी.
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