नई दिल्ली: आर्थिक मोर्च पर एक और बुरी खबर आई है. दूसरी तिमाही में विकास दर 4.5 हो गई. इस पर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने गहरी चिंता जताई है. एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ''आज जारी हुए जीडीपी दर बेहद कम हैं और लगातार गिरती जीडीपी चिंता का विषय है, वहीं ये मंजूर नहीं है. देश के लोग चाहते हैं कि विकास दर 8 से 9 फीसदी होनी चाहिए. ये गंभीर चिंता का विषय है."


डर की वजह से बैंक लोन हीं दे रहे हैं- मनमोहन सिंह


पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने ये भी कहा कि इसके पीछे सबसे बड़ी वजह डर का माहौल है. एक कार्यक्रम में अपनी बात शुरू करने से पहले उन्होंने कहा आज के हालात में वो आम नागरिक और अर्थशास्त्री के नाते अपनी बात रखना चाहते हैं. उन्होंने कहा, " मुझसे कई उद्योगपति मिलते हैं और कहते हैं कि डर है. उन्हें डर लगता है सरकार की अलग अलग एजेंसी की परेशानियों का. डर के कारण बैंकर लोन नहीं दे रहे हैं. वहीं कई उद्योगपति उसी डर के चलते नए उद्योग नहीं लगा रहे हैं."


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इसके लिए उन्होंने सीधे तौर पर मोदी सरकार और उनकी नीतियों जिम्मेदार बताया. उन्होंने ये भी कहा, "इस सरकार में एक डर और तनाव का माहौल है. अगर इस वित्तीय स्थिति से बाहर निकलना है तो मोदी सरकार को चाहिए कि वो एक भयमुक्त और अच्छा माहौल पैदा करे ताकि निवेश हो. उद्योगपति नए उद्योग शुरू करें, बैंक बिना डरे लोन दें तभी कुछ होगा." इसे पहले तिमाही में यानी अप्रैल से जून में देश की आर्थिक वृद्धि दर यानी जीडीपी पांच फीसदी थी. जीडीपी में लगातार गिरावट हो रही है.


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