Manmohan Singh Death: 1 रुपये के नोट की कीमत 100 रुपये... धड़ाधड़ बिक गए मनमोहन सिंह के साइन वाले नोट
ऑनलाइन एंटीक सिक्के और नोट बेचने वाले प्लेटफॉर्म BidCurios पर मनमोहन सिंह के साइन वाले नोट धड़ल्ले से बिक रहे हैं. मनमोहन सिंह के साइन वाला 1 रुपये का नोट अभी 100 रुपये का मिल रहा है.
भारत के पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का गुरुवार (26 दिसंबर 2024) को निधन हो गया. 92 साल की उम्र में उन्होंने दिल्ली के एम्स में अंतिम सांस ली. मनमोहन सिंह देश के अकेले ऐसे पीएम थे, जिनके हस्ताक्षर नोट पर थे. वे 1976 में देश के वित्त सचिव रहे. जबकि 1982 से 1985 तक आरबीआई के गवर्नर रहे. एक रुपये के नोट पर वित्त सचिव के हस्ताक्षर होते हैं, जबकि बाकी सभी करेंसी पर आरबीआई गवर्नर के साइन होते हैं, ऐसे में मनमोहन सिंह के हस्ताक्षर 1 रुपये से लेकर सभी करेंसी पर हैं. मनमोहन सिंह के निधन के बाद पूर्व पीएम के साइन वाले नोट खरीदने के लिए होड़ सी मच गई.
ऑनलाइन एंटीक सिक्के और नोट बेचने वाले प्लेटफॉर्म BidCurios पर मनमोहन सिंह के साइन वाले नोट धड़ल्ले से बिक रहे हैं. एक वक्त पर ये नोट आउट ऑफ स्टॉक हो गए थे. हालांकि, अभी भी वेबसाइट पर ये नोट मिल रहे हैं. मनमोहन सिंह के साइन वाला 1 रुपये का नोट अभी 100 रुपये का मिल रहा है. जबकि 2 रुपये का नोट 40 रुपये का मिल रहा है. वहीं, 16 नोटों का सेट 12500 रुपये में मिल रहा है. इसमें एक रुपये के 5 नोट, दो रुपये के तीन नोट, 5 रुपये के दो नोट, दस रुपये के तीन नोट और 20, 50 और 100 रुपये के एक एक नोट हैं.
आर्थिक सुधारों का जनक हैं मनमोहन सिंह
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भारत में आर्थिक सुधारों के जनक, लाइसेंस राज से मुक्त कराने वाले के रूप में याद किया जाएगा. कांग्रेस नेता के रूप में उन्होंने 2004-2014 तक 10 वर्षों के लिए देश का नेतृत्व किया और उससे पहले वित्त मंत्री के रूप में देश के आर्थिक ढांचे को तैयार करने में मदद की. वह वैश्विक स्तर पर वित्तीय और आर्थिक क्षेत्र की एक मशहूर शख्सियत थे. उनकी सरकार ने सूचना का अधिकार (आरटीआई), शिक्षा का अधिकार (आरटीई) और मनरेगा जैसी युग परिवर्तनकारी योजनाओं की शुरूआत की.
मनमोहन सिंह ने अभावों के बीच अपने जीवन की शुरूआत की. कभी बिजली से वंचित अपने गांव में मिट्टी के तेल के दीये की मंद रोशनी में पढ़ाई करने वाले मनमोहन सिंह आगे चलकर एक प्रतिष्ठित शिक्षाविद बने. वह एक अनिच्छुक राजनेता थे, जिन्हें मुख्यधारा की उबड़-खाबड़ राजनीति रास नहीं आती थी. सोनिया गांधी ने अपनी पार्टी के अनुरोध के बावजूद प्रधानमंत्री पद स्वीकार करने से इनकार कर दिया था और जब उन्होंने इस शीर्ष पद के लिए मनमोहन सिंह को चुना तो हर किसी को बहुत हैरानी हुई. इस प्रकार मनमोहन सिंह 2004 में भारत के 14वें प्रधानमंत्री बने. उन्होंने पहली बार 22 मई 2004 को और दूसरी बार 22 मई, 2009 को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली.