नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश की जनता से 65वीं बार 'मन की बात' की. इस दौरान पीएम ने कहा कि कोरोना से अब और सतर्क रहने की जरूरत है. इसलिए दो गज की दूरी, चेहरे पर मास्क, हाथों को धोना इन सब सावधानियों का सभी को पालन करना है. उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई का यह रास्ता लंबा है. एक ऐसी आपदा जिसका पूरी दुनिया के पास कोई इलाज नहीं है. जिसका कोई पहले का अनुभव ही नहीं है. ऐसे में नई नई चुनौतियों और उसके कारण परेशानियां हम अनुभव कर रहे हैं.


पीएम मोदी ने कहा, ''हम सबको ये ध्यान रखना होगा कि इतनी कठिन तपस्या के बाद देश ने जिस तरह से हालात को संभाला है उसे बिगड़ने नहीं देना है. हमें इस लड़ाई को कमजोर नहीं होने देना है. कोरोना के खिलाफ अब भी लड़ाई उतनी ही गंभीर है.'' उन्होंने कहा कि ''आपको, आपके परिवार को कोरोना से अभी भी उतना ही गंभीर खतरा हो सकता है. हमें हर इंसान की जिंदगी को बचाना है. इसलिए दो गज की दूरी, चेहरे पर मास्क, हाथों को धोना इन सब सावधानियों का सभी को पालन करना है. मुझे पूरा विश्वास है कि आप अपने लिए, अपनों के लिए, ये सावधानी जरूर रखेंगे.''


प्रधानमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान पिछले कुछ हफ़्तों में जीवन की रफ़्तार थोड़ी धीमी जरुर हुई है, लेकिन इससे हमें अपने आसपास, प्रकृति की समृद्ध जैव-विविधता को देखने का अवसर भी मिला है. सालों बाद पक्षी की आवाज़ को लोग अपने घरों में सुन रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारे देश में करोड़ों-करोड़ गरीब, दशकों से एक बहुत बड़ी चिंता में रहते आए हैं- अगर बीमार पड़ गए तो क्या होगा? इस तकलीफ को समझते हुए, इस चिंता को दूर करने के लिए ही करीब डेढ़ साल पहले 'आयुष्मान भारत' योजना शुरू की गई थी. कुछ ही दिन पहले 'आयुष्मान भारत' के लाभार्थियों की संख्या एक करोड़ पार हो गई है.


मोदी ने कहा कि ''हर जगह लोगों ने योग और उसके साथ-साथ आयुर्वेद के बारे में और ज्यादा जानना चाहा है, उसे अपनाना चाहा है. कितने ही लोग, जिन्होंने कभी योग नहीं किया, वो भी या तो ऑनलाइन योग क्लास से जुड़ रहे हैं या फिर ऑनलाइन वीडियो के माध्यम से भी योग सीख रहे हैं.'' पीएम ने यह भी कहा कि ''कोरोना संकट के इस समय में योग ज्यादा अहम है, क्योंकि ये वायरस, हमारे respiratory system को सबसे अधिक प्रभावित करता है. योग में respiratory system को मजबूत करने वाले कई तरह के प्राणायाम हैं, जिनका असर हम लंबे समय से देखते आ रहे हैं.''


बता दें कि पीएम ने लॉकडाउन के दौरान तीसरी बार जनता को इस कार्यक्रम के माध्यम से संबोधित किया. प्रधानमंत्री ने इससे पहले 29 मार्च और फिर 26 अप्रैल को 'मन की बात' की थी.


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