नई दिल्ली: प्रधनमंत्री मोदी ने आदज स मन की बात में पीएम मोदी ने सर्जिकल स्ट्राइक की जमकर तारीफ की. पीएम मोदी ने कहा कि हमारे जवानों ने सर्जिकल स्ट्राइक के जरिए आतंकवाद की आड़ में छद्म युद्ध करनेवालों को मुंहतोड़ जवाब दिया. प्रधानमंत्री ने कहा, ''अब यह तय हो चुका है कि हमारे सैनिक उन सबको मुंहतोड़ ज़वाब देंगे जो हमारे राष्ट्र में शांति और उन्नति के माहौल को नष्ट करने का प्रयास करेंगे. हम शांति में विश्वास करते हैं और इसे बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन सम्मान से समझौता करके और राष्ट्र की सम्प्रभुता की कीमत पर कतई नहीं. भारत सदा ही शांति के प्रति वचनबद्ध और समर्पित रहा है.''
प्रधानमंत्री ने कहा, ''कल भारत के सवा-सौ करोड़ देशवासियों ने, पराक्रम पर्व मनाया था. हमने 2016 में हुई उस सर्जिकल स्ट्राइक को याद किया जब हमारे सैनिकों ने हमारे राष्ट्र पर आतंकवाद की आड़ में प्रॉक्सी वॉर की धृष्टता करने वालों को मुँहतोड़ ज़वाब दिया था. देश में अलग-अलग स्थानों पर हमारे सशस्त्र बलों ने प्रदर्शनी लगाये ताकि अधिक से अधिक देश के नागरिक खासकर युवा-पीढ़ी यह जान सके कि हमारी ताक़त क्या है. हम कितने सक्षम हैं और कैसे हमारे सैनिक अपनी जान जोखिम में डालकर के हम देशवासियों की रक्षा करते हैं.''
प्रधानमंत्री ने कहा, ''हम शांति में विश्वास करते हैं, और इसे बढ़ावा देने के लिये प्रतिबद्ध हैं लेकिन सम्मान से समझौता करके राष्ट्र की सम्प्रभुता की कीमत पर कतई नहीं. प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे एक लाख से अधिक सैनिकों ने शांति के प्रति अपना सर्वोच्च बलिदान तब दिया था जब हमारा युद्ध से कोई वास्ता नहीं था. हमारी नजर किसी और की धरती पर कभी नहीं थी बल्कि यह शांति के प्रति हमारी प्रतिबद्धता थी. आज भी संयुक्त राष्ट्र की अलग-अलग शांति पीस कीपिंक फोर्स में भारत सबसे अधिक सैनिक भेजने वाले देशों में से एक है. दशकों से हमारे बहादुर सैनिकों ने ब्लू हेलमेट पहन विश्व में शांति कायम रखने में अहम भूमिका निभाई है.''
प्रधानमंत्री ने कहा, ''2 अक्टूबर हमारे राष्ट्र के लिए इस दिन का क्या महत्व है, इसे बच्चा-बच्चा जानता है. इस वर्ष का 2 अक्टूबर का और एक विशेष महत्व है. अब से 2 साल के लिए हम महात्मा गाँधी की 150वीं जयंती के निमित्त विश्वभर में अनेक विविध कार्यक्रम करने वाले हैं. महात्मा गांधी के विचार ने पूरी दुनिया को प्रेरित किया है. डॉ. मार्टिन लूथर किंग जूनियर हों या नेलशन मंडेला जैसी महान विभूतियां, हर किसी ने गांधी जी के विचारों से शक्ति पाई और अपने लोगों को समानता और सम्मान का हक दिलाने के लिए लम्बी लड़ाई लड़ सके. आज की ‘मन की बात’ में, मैं आपके साथ पूज्य बापू के एक और महत्वपूर्ण कार्य की चर्चा करना चाहता हूँ, जिसे अधिक-से-अधिक देशवासियों को जानना चाहिए. 1941 में महात्मा गाँधी ने कंस्ट्रक्टिव प्रोग्राम यानी रचनात्मक कार्यक्रम के रूप में कुछ विचारों को लिखना शुरू किया.''