Mann Ki Baat: पीएम मोदी ने भारत को बताया 'भाषाओं का खजाना', बोले- यही विविधता हमारी पहचान
Mann Ki Baat: पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को 'मन की बात' कार्यक्रम के 89वें एपिसोड को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारा देश कई भाषाओं, लिपियों और बोलियों का एक समृद्ध खजाना है.
PM Modi Mann Ki Baat: पीएम मोदी ने रविवार को मन की बात (Mann Ki Baat) कार्यक्रम को संबोधित किया. इस दौरान देश की विविधता के बारे में बात करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने कहा कि हमारा देश कई भाषाओं, लिपियों और बोलियों का एक समृद्ध खजाना है. विभिन्न क्षेत्रों में विविध पोशाक, व्यंजन और संस्कृति हमारी पहचान है. एक राष्ट्र के रूप में, ये विविधता हमें मजबूत करती है और हमें एकजुट रखती है.
पीएम मोदी ने आगे कहा कि इससे जुड़ा एक बहुत ही प्रेरक उदाहरण एक बेटी का है, जिसे मैं आप सभी के साथ साझा करना चाहता हूं. उसका नाम कल्पना है, लेकिन उसका प्रयास 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' की सच्ची भावना से भरा है. कल्पना की कहानी साझा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कल्पना मूल रूप से उत्तराखंड के जोशीमठ की रहने वाली है. वह पहले टीबी से पीड़ित थी और जब वह तीसरी कक्षा में थी, तब उसकी आंखों की रोशनी भी चली गई थी.
कल्पना हम सबके के लिए एक उदाहरण
पीएम ने कहा कि कल्पना ने हाल ही में कर्नाटक में दसवीं कक्षा की परीक्षा उत्तीर्ण की. लेकिन आश्चर्य की बात ये है कि वह कुछ समय पहले तक कन्नड़ भाषा नहीं जानती थी. उसने तीन महीने में न केवल कन्नड़ भाषा सीखी बल्कि 92 अंक भी हासिल किए. जहां चाह होती है, वहां राह होती है. कल्पना बाद में मैसूर निवासी प्रोफेसर तारामूर्ति के संपर्क में आई, जिन्होंने न केवल उन्हें प्रोत्साहित किया बल्कि हर तरह से उनकी मदद भी की. आज उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत के साथ ये मुकाम हासिल किया और एक हम सबके के लिए एक उदाहरण पेश किया. मैं कल्पना को उनके धैर्य के लिए बधाई देता हूं.
पश्चिम बंगाल के प्रोफेसर श्रीपति टुडू का किया जिक्र
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश में ऐसे कई लोग हैं जो देश की भाषाई विविधता को मजबूत करने की दिशा में काम कर रहे हैं. इसके बाद उन्होंने सिद्धो-कानो-बिरसा विश्वविद्यालय, पश्चिम बंगाल में संथाली भाषा (Santhali Language) के प्रोफेसर श्रीपति टुडू का जिक्र किया.
श्रीपति की सोच और उनके प्रयासों की सराहना करता हूं- पीएम
पीएम ने कहा कि उन्होंने (टुडू) संथाली समुदाय के लिए अपनी मूल 'ओल चिकी' (Ol Chiki) लिपि में देश के संविधान का एक संस्करण तैयार किया है. श्रीपति टुडू (Shripati Tudu) का कहना है कि हमारा संविधान देश के प्रत्येक नागरिक को अपने अधिकारों और कर्तव्यों से अवगत कराता है इसलिए, प्रत्येक नागरिक को इससे परिचित होना चाहिए. उन्होंने संथाली समुदाय (Santhali Community) के लिए अपनी लिपि में संविधान की एक प्रति तैयार की और इसे उपहार के रूप में पेश किया. मैं श्रीपति जी की इस सोच और उनके प्रयासों की सराहना करता हूं. ये 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' की भावना के जीवंत उदाहरण हैं.
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