नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मन की बात कार्यक्रम में आज शहीद-ए-आजम भगत सिंह का जिक्र किया. कल देश भगत सिंह की जयंती मनाएगा, प्रधानमंत्री ने देश को भगत सिंह की जयंती की अग्रिम शुभकामनाएं भी दीं. उन्होंने कहा कि क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि 23 साल युवक से इतनी बड़ी हुकूमत भयभीत हो गयी.


प्रधानमंत्री ने भगत सिंह को याद करते हुए कहा, ''कल, 28 सितम्बर को हम शहीद वीर भगत सिंह की जयंती मनायेंगे. मैं, समस्त देशवासियों के साथ साहस और वीरता की प्रतिमूर्ति शहीद वीर भगत सिंह को नमन करता हूँ. क्या आप कल्पना कर सकते हैं, एक हुकूमत, जिसका दुनिया के इतने बड़े हिस्से पर शासन था, इसके बारे में कहा जाता था कि उनके शासन में सूर्य कभी अस्त नहीं होता. इतनी ताकतवर हुकूमत, एक 23 साल के युवक से भयभीत हो गयी थी.''


प्रधानमंत्री ने भगत सिंह की वीरता के साथ साथ उनकी विद्वता का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, ''शहीद भगत सिंह पराक्रमी होने के साथ-साथ विद्वान भी थे, चिन्तक थे. अपने जीवन की चिंता किये बगैर भगतसिंह और उनके क्रांतिवीर साथियों ने ऐसे साहसिक कार्यों को अंजाम दिया, जिनका देश की आजादी में बहुत बड़ा योगदान रहा.''


उन्होंने कहा, ''शहीद वीर भगत सिंह के जीवन का एक और खूबसूरत पहलू यह है कि वे team work के महत्व को बखूबी समझते थे. लाला लाजपतराय के प्रति उनका समर्पण हो या फिर चंद्रशेखर आजाद, सुखदेव, राजगुरु समेत क्रांतिकारियों के साथ उनका जुड़ाव, उनके लिये, भी व्यक्तिगत गौरव, महत्वपूर्ण नहीं रहा.''


प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ''वे जब तक जिए, सिर्फ एक mission के लिए जिए और उसी के लिये उन्होंने अपना बलिदान दे दिया - वह mission था भारत को न्याय और अंग्रेजी शासन से मुक्ति दिलाना. मैंने NaMo App पर हैदराबाद के अजय एस. जी का एक comment पढ़ा. अजय जी लिखते हैं आज के युवा कैसे भगत सिंह जैसे बन सकते हैं? देखिये! हम भगत सिंह बन पायें या ना बन पायें, लेकिन, भगत सिंह जैसा देश प्रेम, देश के लिये कुछ कर-गुजरने का जज्बा, जरुर, हम सबके दिलों में हो. शहीद भगत सिंह को यही हमारी सबसे बड़ी श्रद्धांजलि होगी.''



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