नई दिल्ली: आज पीएम मोदी ने 33वीं बार की मन की बात की. मन की बात में पीएम मोदी ने इंदिरा गांधी सरकार में लगाई गई इमरजेंसी पर हमला किया. पीएम मोदी ने आपातकाल को काला अध्याय बताते हुए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कविता भी सुनाई. प्रधानमंत्री इमरजेंसी को याद करते हुए कहा कि ऐसी काली रात को भुलाया नहीं जा सकता है. उन्होंने लोकतंत्र के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास करने की जरूरत पर बल दिया.


 


प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, जयप्रकाश नारायण सहित देश के गणमान्य नेताओं को जेलों में बंद कर दिया था. न्याय व्यवस्था भी आपातकाल के उस भयावह रूप की छाया से बच नहीं पाई थी. अखबारों को तो पूरी तरह बेकार कर दिया गया था.


अपने रेडियो कार्यक्रम में उन्होंने कहा, आज के पत्रकारिता जगत के विद्यार्थी, लोकतंत्र में काम करने वाले लोग, उस काले कालखंड को बार-बार स्मरण करते हुए लोकतंत्र के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास करते रहे हैं और करते भी रहने चाहिए.


उन्होंने कहा, उस समय अटल बिहारी वाजपेयी जी भी जेल में थे. जब आपातकाल को एक वर्ष हो गया, तो अटल जी ने एक कविता लिखी थी और उन्होंने उस समय की मन:स्थिति का वर्णन अपनी कविता में किया है.


प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी की कविता की कुछ पंक्तियों को भी उद्धत किया. गौरतलब है कि देशभर में आक््रोश और सामूहिक आंदोलन के दबाव में इंदिरा गांधी को दो वर्ष से भी कम समय के भीतर आपातकाल हटा लेना पड़ा था.