नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश से ‘मन की बात’ कार्यक्रम के तहत बात की. पीएम मोदी की मन की बात का यह 31वां एपिसोड था. इस दौरान पीएम मोदी कहा कि देश में वीआईपी कल्चर की जगह अब ईपीआई यानी Every Person Is Important की कल्चर होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि देश में वीआईपी कल्चर को लेकर लोगों में नफरत का माहौल है.


वीआईपी कल्चर को खत्म करने के लिए हाल ही में मोदी सरकार ने लाल बत्ती के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है. एक मई से कोई भी नेता लाल बत्ती या नीली बत्ती का इस्तेमाल नहीं करेगा. केंद्र सरकार के इस फैसले के अगले ही दिन कुछ नेताओं ने अपनी गाड़ियों से लाल बत्ती हटा दी थी.


पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में गर्मी को लेकर चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि इस बार मार्च-अप्रैल में गर्मी मई और जून की तरह पड़ी है. जिससे लोगों जन-जीवन प्रभावित हो रहा है. पीएम ने इस दौरान गौरेया को बचाने के लिए कड़े कदम उठाने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि लोग अपनी छतों पर पानी भरकर और दाना डालेंगे तो गर्मियों में पक्षी सुरक्षित रहेंगे.


इस दौरान नरेंद्र मोदी ने देश के युवाओं से ‘कंफर्ट जोन’ से बाहर निकलने का आह्वान करते हुए कहा कि स्पर्धा के इस दौर में कभी-कभार ऐसा लगता है कि युवा पीढ़ी रोबोट तो नहीं बन रही है.


मोदी ने कहा, ‘‘भारत ने हमेशा ‘सबका साथ-सबका विकास’ के मंत्र को लेकर आगे बढ़ने का प्रयास किया है. जब हम सबका साथ-सबका विकास की बात करते हैं तो वो सिर्फ भारत के अंदर के लिए नहीं, बल्कि वैश्विक परिवेश और खासकर हमारे अड़ोस-पड़ोस के देशों के लिए भी है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘ हम चाहते हैं कि हमारे पड़ोस के देशों का साथ भी हो, हमारे अड़ोस-पड़ोस के देशों का विकास भी हो.’’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘पांच मई को भारत दक्षिण एशिया उपग्रह का प्रक्षेपण करेगा. इस उपग्रह की क्षमता तथा इससे जुड़ी सुविधाएं दक्षिण एशिया की आर्थिक और विकासात्मक प्राथमिकताओं को पूरा करने में काफी मदद करेगा..यह हमारे पूरे क्षेत्र के आगे बढ़ने में मददगार होगा.’’

दुनिया में कई स्थानों पर हिंसा और युद्ध की स्थिति का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘विश्व आज जिन समस्याओं से गुजर रहा है उनको देखते हुए बुद्ध के विचार प्रासंगिक लगते हैं. भारत में अशोक का जीवन युद्ध से बुद्ध की यात्रा का उत्तम प्रतीक हैं.’’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मेरा सौभाग्य है कि बुद्ध पूर्णिमा के इस महान पर्व पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा मनाए जा रहे वैसाख दिवस में शामिल होउंगा. श्रीलंका में मुझे भगवान बुद्ध को श्रद्धा-सुमन अर्पित करने का अवसर मिलेगा.’’

उन्होंने एक मई को श्रमिक दिवस के मौके पर भारतीय मजदूर संघ के जनक दत्तोपंत ठेंगड़ी के विचार को उद्धृत करते हुए कहा, ‘‘एक तरफ माओवाद से प्रेरित विचार था कि दुनिया के मजदूर एक हो जाओ और दत्तोपंत ठेंगड़ी कहते थे कि मजदूरों दुनिया को एक करो. आज श्रमिकों की बात करता हूं तो दत्तोपंत ठेंगड़ी जी को याद करना बहुत स्वाभाविक है.