नई दिल्ली: सिख संत राम सिंह की मौत पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने दुख जताया है. संत राम सिंह ने किसानों के दर्द से दुखी होकर बुधवार को सिंघु बॉर्डर के पास कथित तौर पर खुदकुशी कर ली थी. राम सिंह के निधन को मुख्यमंत्री ने संत समाज, देश, राज्य के लिए अपूरणीय क्षति बताया है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अपने ट्वीट में लिखा, "संत बाबा रामसिंह जी का निधन संत समाज, देश, राज्य और मेरे लिए अपूरणीय क्षति है. यह अत्यंत दुख का क्षण है, बाबा जी की आत्मा, परमात्मा में विलीन हो. हम उनके दिखाए मानव-कल्याण के मार्ग पर चलने को संकल्पित हैं, यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी."


इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सिख संत राम सिंह की मौत पर दुख व्यक्त किया था. केजरीवाल ने ट्वीट किया, "संत बाबा राम सिंह जी की आत्महत्या की खबर बेहद पीड़ादाई है. इस दुख की घड़ी में उनके परिवार के प्रति संवेदनाएं. हमारा किसान अपना हक ही तो मांग रहा है, सरकार को किसानों की आवाज सुननी चाहिए और तीनों काले कानून वापस लेने चाहिए."


पुलिस के मुताबिक, मृतक ने कथित रूप से पंजाबी में हाथ से लिखा एक नोट भी छोड़ा है, जिसमें कहा गया है कि वह 'किसानों का दर्द' सहन नहीं कर पा रहा है. सोनीपत पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि सिंह को पानीपत के एक अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.


कांग्रेस ने सिख संत की मौत को लेकर सरकार पर निशाना साधा
कांग्रेस ने दिल्ली के निकट किसानों के विरोध प्रदर्शन वाले स्थान के करीब सिख संत बाबा राम सिंह के कथित तौर पर खुदकुशी करने को लेकर बुधवार को सरकार पर निशाना साधा. कांग्रेस ने कहा कि उसे अपनी जिद छोड़कर तत्काल 'कृषि विरोधी' कानूनों को वापस लेना चाहिए.


पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, "करनाल के संत बाबा राम सिंह जी ने किसानों की दुर्दशा देखकर आत्महत्या कर ली. इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं और श्रद्धांजलि. कई किसान अपने जीवन की आहुति दे चुके हैं. मोदी सरकार की क्रूरता हर हद पार कर चुकी है. जिद छोड़ो और तुरंत कृषि विरोधी क़ानून वापस लो!"


वहीं कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, "हे राम, यह कैसा समय! ये कौन सा युग!! जहां संत भी व्यथित हैं। संत राम सिंह जी सिंगड़े वाले ने किसानों की व्यथा देखकर अपने प्राणों की आहुति दे दी. ये दिल झकझोर देने वाली घटना है. प्रभु उनकी आत्मा को शांति दे. संत की मृत्यु, मोदी सरकार की क्रूरता का परिणाम है."


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