नई दिल्लीः हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने केंद्र सरकार को बैंक लॉकरों में रखी कीमती सामान के खुलासे को अनिवार्य बनाने का सुझाव दिया है. साथ ही उन्होंने सरकार का ध्यान बैंक लॉकरों में जमा कीमती सामान के नुकसान को लेकर देनदारी तय करने की ओर भी दिलाया है. उन्होंने कहा कि इससे बैंक लॉकर किराये पर लेने वालों के लिये बीमा पॉलिसी आसानी से ली जा सकती है.


वित्त मंत्री पीयूष गोयल को लिखी चिट्ठी
वित्त मंत्री पीयूष गोयल को लिखी चिट्ठी में खट्टर ने कहा कि यदि कुछ कारणों से इसे अव्यावहारिक माना जाता है, तो कम से कम ग्राहकों को खुलासा करने का विकल्प दिया जा सकता है. यह बैंकों और सरकार को दावों को जल्दी निपटाने में मदद करेगा. उन्होंने कहा, यह एक बड़ा कदम होगा क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक ने इस तरह के नुकसान का आकलन करने के लिए अभी तक कोई मानदंड तैयार नहीं किया है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा यह काले धन को रोकने और वित्तीय लेनदेन में पारदर्शिता को बढ़ावा देने के भारत सरकार के अभियान के अनुरूप भी होगा.


क्यों जरूरत आई इस सुझाव की
दरअसल हाल के दिनों में लॉकर के सामान के चोरी होने की घटनाओं में इजाफा हुआ है और इसके लिए लॉकरधारक को उसका मुआवजा मिलने में काफी दिक्कतें आती हैं क्योंकि ग्राहक ये साबित नहीं कर पाते हैं कि उनके लॉकर में किस तरह का और कितना कीमती सामान रखा हुआ था. लॉकर के सामान के बारे में बैंक भी इस बात को साफ कर चुके हैं कि कोई प्राकृतिक आपदा या चोरी, लूट, डकैती जैसी घटनाएं होने पर बैंक ग्राहकों के लॉकर के सामान के लिए जिम्मेदारी नहीं हैं.


खट्टर ने कहा कि लोग अपना कीमती सामान लॉकरों में रखते हैं और उसे सुरक्षित समझते हैं. फिर भी, वास्तविक तथ्य यह है कि प्राकृतिक आपदा या आपराधिक कृत्य के कारण हुये कीमती सामानों के नुकसान के लिए बैंक उत्तरदायी नहीं हैं.