इंदौर: आतंकी ठिकानों पर भारतीय सेना के सर्जिकल स्ट्राइक के वक्त को याद करते हुए केंद्रीय रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि इस गुप्त अभियान के दौरान इसके परिणाम के बारे में सोचते हुए वह रात भर सो नहीं सके थे. लेकिन भारतीय सेना ने दुश्मन के खिलाफ अद्भुत पराक्रम का प्रदर्शन करते हुए इस साहसिक मुहिम को कामयाबी से अंजाम दिया.


पर्रिकर ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के 62वें राष्ट्रीय अधिवेशन के उद्घाटन समारोह में कहा, ‘जिस दिन सर्जिकल स्ट्राइक हुआ, मैं रात को यह सोचकर सो नहीं पाया था कि अगर इस कदम का कोई गलत परिणाम निकलता है, तो हमारा क्या होगा.


लेकिन हमारी सेना ने दुश्मन को कोई अवसर नहीं दिया और बहुत अच्छा काम किया.’ रक्षा मंत्री ने इस संदर्भ में अपने चिर.परिचित चुटीले अंदाज में भारत और पाकिस्तान के बीच खेले जाने वाले बेहद रोमांचक क्रिकेट मैचों का हवाला भी दिया.


उन्होंने श्रोताओं की ओर से ‘भारतीय सेना जिंदाबाद’ की जोरदार नारेबाजी के बीच कहा, ‘हम भारत की सर्जिकल स्ट्राइक पर तालियां बजाते हैं. लेकिन क्रिकेट मैचों में पाकिस्तान के खिलाफ भारत की जीत पर हम इससे ज्यादा तालियां बजाते हैं.’


रक्षा मंत्री ने मजाकिया अंदाज में कहा, ‘फिलहाल भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच नहीं खेले जा रहे हैं. लेकिन आपको याद होगा कि गुजरे दिनों में जब भी इन मैचों में भारत की जीत होती थी, तो हमारे दर्शक क्रिकेटरों को अपने सिर पर बैठाकर नाचना शुरू कर देते थे. यह देखकर मुझे कभी.कभी तनाव होता था कि अगर भारत पाकिस्तान से मैच हार गया, तो भारतीय क्रिकेटरों का क्या होगा.’


पर्रिकर ने अपने पुराने दिनों को याद करते हुए आपातकाल का जिक्र किया और कांग्रेस पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का काम करने के दौरान मैं जब एबीवीपी के संपर्क में आया, तब आपातकाल लग गया. जो लोग आज लोकतंत्र की बात कर रहे हैं, उनके पुरखों ने आपातकाल के वक्त देश का गला दबा दिया था.’


पर्रिकर ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए उत्तर प्रदेश में ‘आलू की फैक्टरी’ लगवाने के कांग्रेस उपाध्यक्ष के चर्चित बयान पर कटाक्ष भी किया. रक्षा मंत्री ने राहुल का नाम लिए बगैर कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में दूरदृष्टि है और उन्होंने पूरे देश को विकसित करने का संकल्प लिया है. लेकिन जिन लोगों में यह दूरदृष्टि नहीं है, उन्हें यह संकल्प नहीं दिखेगा और वे आलू की फैक्ट्री लगवाने की बात करेंगे. ये लोग आलू की फैक्ट्री लगवा भी देते. लेकिन देश का नसीब अच्छा है कि मोदीजी प्रधानमंत्री बन गए.’


पर्रिकर ने जोर देकर कहा कि देश की शिक्षा प्रणाली में ज्ञान के सबसे अच्छे तत्वों को आने वाली पीढ़ियों के लिए बचा कर रखा जाना चाहिये. इसके साथ ही, लोगों को महज ‘साक्षर’ करने के बजाय ‘ज्ञानी’ बनाया जाना चाहिए. उन्होंने शिक्षा क्षेत्र को सबसे ज्यादा महत्व देने की जरूरत को रेखांकित करते हुए कहा कि विद्यार्थियों को ज्ञान देने के लिए सबसे अच्छे गुरुओं का चुनाव किया जाना चाहिए.