Maratha Reservation: ओबीसी नेता इस समुदाय को दलित वर्ग में आरक्षण दिलाने पर लगाएं ध्यान, मनोज जरांगे ने दी सलाह
Maratha Reservation: जरांगे ने मराठा आरक्षण को लेकर अनिश्चितकालीन अनशन 13 जून को स्थगित कर दिया था और समुदाय की मांगों को स्वीकार करने के लिए महाराष्ट्र सरकार के लिए एक महीने की समय सीमा तय की थी.
Maratha Reservation: सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने सोमवार (17 जून) को कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के नेताओं को मराठा आरक्षण की मांग की आलोचना करने के बजाय धनगर समुदाय के लिए अनुसूचित जनजाति (एसटी) के तहत आरक्षण की मांग पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.
यहां संवाददाताओं से बातचीत में जरांगे ने कहा कि ओबीसी नेता ‘हमारे दुश्मन नहीं हैं’ और मराठा समुदाय धनगर (गड़रिया) समुदाय के लिए एसटी वर्ग के तहत आरक्षण की मांग का समर्थन करेगा.
13 जून को खत्म किया अनिश्चितकालीन अनशन
जरांगे ने मराठा आरक्षण को लेकर अपना अनिश्चितकालीन अनशन शुरू करने के छह दिन बाद 13 जून को स्थगित कर दिया था और समुदाय की मांगों को स्वीकार करने के लिए महाराष्ट्र सरकार के लिए एक महीने की समय सीमा तय की थी.
उन्होंने यह घोषणा तब की जब महाराष्ट्र के मंत्री और मराठा आरक्षण उप-समिति के सदस्य शंभुराज देसाई तथा शिवसेना सांसद संदीपन भुमरे ने जालना जिले में उनके पैतृक गांव अंतरवाली सरती में उनसे मुलाकात की और इस मुद्दे पर चर्चा की.
इसी साल पारित हुआ मराठा आरक्षण पर बिल
अन्य पिछड़ा वर्ग के कुछ नेताओं ने ओबीसी श्रेणी के तहत मराठा समुदाय को आरक्षण देने का विरोध किया है. इस साल फरवरी में महाराष्ट्र विधानमंडल ने एक अलग श्रेणी के तहत शिक्षा और सरकारी नौकरियों में मराठाओं के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण के प्रावधान वाले विधेयक को आम-सहमति से पारित कर दिया था.
जरांगे उस मसौदा अधिसूचना पर अमल करने की मांग कर रहे हैं जो कुनबी समुदाय को मराठा समुदाय के सदस्यों के रक्त संबंधी के रूप में मान्यता देता है. वह कुनबी को मराठा के रूप में चिह्नित करने के लिए एक कानून की भी मांग कर रहे हैं.
मनोज जरांगे की क्या है मांग?
कुनबी, एक कृषक समुदाय है और ओबीसी वर्ग में आता है. लेकिन जरांगे मांग करते रहे हैं कि मराठा समुदाय के सभी सदस्यों को कुनबी प्रमाणपत्र जारी किया जाए ताकि उन्हें आरक्षण का लाभ मिल सके.
छत्रपति संभाजीनगर में एक निजी अस्पताल में इलाज करा रहे जरांगे ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘ओबीसी नेता हमारे दुश्मन नहीं हैं. मैंने उनके खिलाफ कुछ भी नहीं बोला है.’’
जरांगे ने दी ओबीसी नेताओं को सलाह
जरांगे ने कहा, ‘‘मराठा आरक्षण के बारे में बात करने और इसकी आलोचना करने के बजाय उन्हें अपनी ऊर्जा धनगर समुदाय को एसटी वर्ग के तहत आरक्षण दिलाने पर खर्च करनी चाहिए. मराठा समुदाय भी उनके साथ मजबूती से खड़ा रहेगा.’’ कुछ ओबीसी नेताओं के इस बयान पर कि वह आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने की योजना बना रहे हैं, जरांगे ने कहा कि यह लोकतंत्र है और कोई भी व्यक्ति चुनाव लड़ सकता है.
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