Terrorist Attack in Valley: कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट की हत्या के दस दिन के भीतर ही थलसेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे शनिवार को दो दिवसीय कश्मीर दौरे पर पहुंचे. दौरे के दूसरे दिन थलसेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने एलओसी के साथ फारवर्ड लोकेशन के साथ-साथ घाटी के भीतरी इलाकों में आर्मी की लोकल फॉर्मेशन्स का दौरा किया. इस दौरान स्थानीय कमांडरों ने थलसेनाध्यक्ष को कश्मीर में सुरक्षा स्थिति से अवगत कराया. थलसेना प्रमुख को सुरक्षा में इस्तेमाल ड्रोन और दुसरी आधुनिक तकनीक के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई. जनरल मनोज पांडे ने सभी सैनिकों जोश और उत्साह के साथ देश की सेवा-सुरक्षा करते रहने का आहवान किया. थलसेना प्रमुख के तौर पर जनरल पांडे का कश्मीर का पहला दौरा है.
एलओसी के दौरे पर थलसेना प्रमुख से साथ उत्तरी कमान के कमाडंर, लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी और श्रीनगर स्थित चिनार कोर (15वीं कोर) के कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल एडीएस औजला भी मौजूद थे.
कश्मीर पहुंचने के बाद सीधे एलओसी पहुंचे सेना प्रमुख
सेना द्वारा जारी बयान के मुताबिक, थलसेना प्रमुख सबसे पहले उत्तरी कश्मीर से सटी एलओसी पहुंचे और ऑपरेशनल तैयारियों का जायजा लिया. फील्ड कमांडर्स ने जनरल पांडे को काउंटर-इंफिलट्रेशन ग्रिड और फील्ड फोर्टिफिकेशन के बारे में विस्तृत जानकारी दी और बताया कि किस तरह से पाकिस्तान के साथ हुई युद्धविराम संधि के बाद से एलओसी पर शांति कायम है. कमांडर्स ने ये भी बताया कि एलओसी पर आतंकियों की घुसपैठ का खतरा लगातार बना हुआ है. इस दौरान सेनाध्यक्ष को बॉर्डर पर आर्मी-सिटिजन कनेक्ट के बारे में भी जानकारी दी गई.
थलसेना प्रमुख ने एलओसी की गरिमा को कायम रखते हुए पूरी तरह से चौकान्ना रहने का निर्देश दिया. जनरल पांडे ने सैनिकों को उनके हौसले और सेवाओं का सराहना की.
एलओसी के बाद चिनार कोर मुख्यालय पहुंचे
एलओसी के दौरे के बाद थलसेना प्रमुख श्रीनगर स्थित चिनार कोर के मुख्यालय पहुंचे और कश्मीर घाटी की आतंरिक सुरक्षा के बारे में विस्तृत जानकारी ली. जनरल पांडे ने कश्मीर घाटी में शांति कायम करने और विकास के कार्यों की तारीफ की. उन्होंने इस कार्य के लिए स्थानीय प्रशासन, जम्मू कश्मीर पुलिस और दूसरे अर्द्धसैनिक बलों की भी सराहना की. जनरल पांडे ने कहा कि कश्मीर घाटी में ये शांति और खुशहाली का सवेरा है और इसे कायम रखना है.
आपको बता दें कि करीब 10 दिन पहले श्रीनगर के करीब बडगाम में तहसील में काम करने वाले कश्मीरी पंडित, राहुल भट्ट की हत्या के बाद कश्मीर घाटी में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हुआ था और कश्मीरी पंडितों ने सरकार से उन्हें घाटी से बाहर तबादला करने और सुरक्षा की मांग की थी.