Jammu Kashmir: 'संविधान का अपमान ', जम्मू-कश्मीर स्थापना दिवस का NC और PDP किया विरोध तो बोले मनोज सिन्हा
Jammu Kashmir Foundation Day: जम्मू-कश्मीर के स्थापना दिवस पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने नेशनल कॉन्फ्रेंस पर हमला किया और आतंकवाद पर भी बात की.
Manoj Sinha Attack On NC: जम्मू कश्मीर के उपराजयपाल मनोज सिन्हा ने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और चुने हुए विधायकों पर करारा प्रहार करते कहा कि केंद्र शासित प्रदेश के विधायक के तौर पर संविधान की शपथ लेने के बाद भी "स्थापना दिवस" कार्यक्रम का बहिष्कार करके उन्होंने अपना दोहरा चरित्र दिखाया है. इसके साथ ही उन्होंने राज्य में आतंकवाद को खत्म होने को लेकर कहा कि अगले तीन महीने बेहद महत्वपूर्ण हैं.
उन्होंने कहा, "जम्मू कश्मीर एक केंद्र शासित प्रदेश है और जिन विधायकों ने केंद्र शासित प्रदेश के नाते कुछ दिन पहले शपथ ली उनको इस कार्यक्रम का सम्मान करना चाहिए था. कार्यक्रम में शामिल न होकर उन्होंने अपने दोहरे चरित्र को दिखाया है.”
नेशनल कॉन्फ्रेंस ने किया स्थापना दिवस का बहिष्कार
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और जदीबल से विधायक तनवीर सादिक ने कल श्रीनगर में संवाददाताओं से कहा था कि नेशनल कॉन्फ्रेंस से कोई भी एसकेआईसीसी में केंद्र शासित प्रदेश दिवस समारोह में शामिल नहीं होगा, क्योंकि नेशनल कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश के रूप में स्वीकार नहीं करती है.
महबूबा मुफ्ती ने क्या कहा?
अनंतनाग में पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जब तक हमारे अधिकार पूरी तरह से बहाल नहीं हो जाते, तब तक यूटी स्थापना दिवस पीडीपी के लिए काला दिन बना रहेगा. महबूबा ने एलजी सिन्हा के उस बयान की निंदा की, जिसमें उन्होंने निर्वाचित विधायकों पर समारोह में शामिल न होने का आरोप लगाया था. महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जम्मू-कश्मीर बीजेपी के लिए प्रयोगशाला बन गया है, जहां वह भारत के अल्पसंख्यकों को यह सबक सिखाना चाहती है कि अगर मुस्लिम बहुल राज्य में तोड़फोड़ की जा सकती है, तो उन्हें भी सावधान रहने की जरूरत है.
महबूबा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर विशेष दर्जा पाने की उम्मीद के साथ भारत संघ में शामिल हुआ था, लेकिन इसे छीन लिया गया. मुझे उम्मीद है कि पूर्ण बहुमत वाली सरकार हमारे अधिकारों की बहाली की इस लड़ाई में हर पार्टी को साथ लेकर चलेगी.
‘जल्द मिलेगा पूर्ण राज्य का दर्जा’
जम्मू कश्मीर में पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग और उस से उठाने वाले राजनीतिक हलचल पर बोलते हुए मनोज सिन्हा ने कहा कि लोकसभा के पटल पर गृह मंत्री अमित शाह और उसके बाद जम्मू कश्मीर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके लिए एक सीमा रेखा दी है जिसमें पहले परिसीमन, फिर चुनाव और अंत में पूर्ण राज्य का दर्जा देने की बात कही गयी है.
मनोज सिन्हा ने कहा, "पूर्ण राज्य का दर्जा तो मिल ही जाएगा और अगर वह आज इस केंद्र शासित प्रदेश स्थापना दिवस में शामिल हो जाते तो कल हम भी पूर्ण राज्य स्थापना दिवस में शामिल हो सकते हैं लेकिन जिन लोगों ने जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाए रखने के लिए संविधान को बनाए रखने की शपथ ली थी, वे समारोह से गायब थे."
कब लागू हुआ था पुनर्गठन एक्ट
31 अक्टूबर 2019 में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन एक्ट को लागू किया गया था और 5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर राज्य विभाजन के फैसले के तहत जम्मू-कश्मीर और लदाख केंद्र शाषित प्रदेश में बांट दिया गया था और जम्मू कश्मीर में बीजेपी को छोड़ सभी दलों के अनुसार यह फैसला असंवैधानिक है, जिसके चलते सभी दलों ने इस कार्यक्रम में शामिल होने से इंकार कर दिया.
‘अगले तीन महीने होंगे महत्वपूर्ण’
सिन्हा ने कहा कि अगले तीन महीने उग्रवाद के खिलाफ सुरक्षा प्रयासों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण होंगे और नागरिकों से शांति बनाए रखने में मदद करने का आह्वान किया. सिन्हा ने कहा कि बहुत जल्द जहां एक तरफ पूरे प्रदेश में पंचायत और लोकल बॉडी इलेक्शन होने वाले हैं वहीं मैं आम जनता को आह्वाहन करता हूं कि वह प्रदेश में सर उठा रहे आतंकवाद और अलगावाद को अलग थलग करने और उनको पूरी तरह खत्म करने के लिए आगे आएं.
किसी का नाम लिए बिना मनोज सिन्हा ने कहा कि कुछ लोग शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं. मैं उनसे अनुरोध करता हूं कि वे भड़काऊ बयानबाजी से बचें, क्योंकि बड़ी कोशिशों के बाद ही आज जम्मू-कश्मीर एक शांतिपूर्ण जगह है.
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