नई दिल्लीः सिग्नेचर ब्रिज हंगामा केस में बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और आप विधायक अमानतुल्लाह खान के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज करा दिया है. बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने आईपीसी की 6 धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कराई है. सूत्रों के मुताबिक एफआईआर में अरविंद केजरीवाल और आप विधायक अमानतुल्लाह खान का भी नाम है. मामले की जांच क्राइम ब्रांच कर रही है.


बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने आईपीसी की जिन 6 धाराओं के तहत एफआईआरआर दर्ज कराई है उनमें धारा 323 मारपीट, धारा 120बी आपराधिक साज़िश रचना, धारा 341-गलत तरीके से रास्ता रोकना, धारा 506 धमकी देना, धारा 34 जिसमें मंशा के तहत किया गया अपराध की धाराएं शामिल हैं. इसमें धारा 308 के तहत गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कराया है. इस धारा के तहत ऐसी घटना करना जिससे व्यक्ति की जान भी जा सकती है के तहत मामला दर्ज कराया जाता है.


कल ही सिग्नेचर ब्रिज हंगामा मामले में आम आदमी पार्टी ने एफआईआर दर्ज करवाई थी, उसमें बीजेपी कार्यकर्ता और सांसद मनोज तिवारी का नाम दर्ज है, इस मामले की जांच भी क्राइम ब्रांच कर रही है, 506,34 के तहत मनोज तिवारी और अन्य के खिलाफ केस दर्ज हुआ है. आप कार्यकर्ता तौकीर खान की शिकायत पर ये मामला दर्ज हुआ था.


तीसरी एफआईआर में बीजेपी कार्यकर्ता वी एन झा की शिकायत पर आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान और संजीव झा के खिलाफ केस दर्ज हुआ है. आईपीसी की धारा 323, 341, 506, 34 के तहत इन पर मामला दर्ज कराया गया है. तीनों एफआईआर नार्थ ईस्ट जिले से क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर हुई थी, तीनों मामले की जांच फिलहाल क्राइम ब्रांच कर रही है. आने वाले वक्त में जिन जिन लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज है उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं.


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ये उस दिन का वाकया है जब सिग्नेचर ब्रिज का उद्घाटन हुआ था. मनोज तिवारी को बुलाया नहीं गया था लेकिन फिर भी वो अपने कार्यकर्ताओं के साथ पहुंचे और हमारे कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की और दो आईपीएस के साथ मारपीट की. एक का गिरहबान पकड़ा और एक को घूंसा मारा. उसके बाद होर्डिंग फाड़े. केजरीवाल जब स्पीच दे रहे थे तब मंच पर बोतलें फेंकी, गालियां देनी शुरू की और स्टेज पर चढ़ने की कोशिश की. पुलिस की जिम्मेदारी थी इन्हें रोकना लेकिन नहीं रोका तो हमारी जिम्मेदारी क्या थी? स्टेज पर आते तो वो क्या करते? जो बोतलें उन्होंने फेंकी उनमें तेज़ाब भी हो सकता था. वो अरविंद जी पर अटैक भी कर सकते थे. अच्छे इरादे से तो आये नहीं थे.


मुझे पता लगा है कि मनोज तिवारी के खिलाफ भी एफआईआर हुई जिसमें सिर्फ धारा 506/34 लगाई गई है. उन्होंने आईपीएस पर हाथ उठाया, सरकारी काम में बाधा डाला. तीन को घायल किया, इसमें बड़ी सारी धाराएं लगती हैं. लेकिन उन पर धाराएं नहीं लगी हैं. मुझ पर सिर्फ धक्का देने पर और केजरीवाल पर केस करने का कोई मतलब नहीं है.


अमनातुल्लाह खान ने कहा कि पुलिस इनके इशारे पर काम कर रही है और बतौर सांसद पहुंचना है तो पहुंचिए. मैंने कहा अकेले आकर बैठिए. लेकिन वो कार्यकर्ताओं के साथ आना चाहते थे. मनोज तिवारी ने हरकत की है और पुलिस तोता बनी हुई है. मैंने गलती कहां की? वो ही जबरदस्ती स्टेज पर चढ़ रहे थे. पुलिस ने मनोज तिवारी को रोका नहीं तो हम क्या अरविंद को पीटने दें?


क्या है पूरा मामला
वजीराबाद में यमुना नदी पर सिग्नेचर ब्रिज बनकर तैय़ार होने के बाद इसके उद्घाटन समारोह में जमकर हंगामा हुआ. दिल्ली सरकार ने ब्रिज के उद्घाटन के कार्यक्रम में ना तो दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को न्योता दिया ना ही इलाके के सांसद मनोज तिवारी को बुलाया. हालांकि मनोज तिवारी ने एलान किया था कि वो बिना निमंत्रण के भी जाएंगे. मनोज तिवारी ने कहा था कि कि वो सीएम केजरीवाल से पहले सिग्नेचर ब्रिज पर पहुंचेंगे और हरियाणा घूमकर लौट रहे मुख्यमंत्री को रिसीव करेंगे. जब घटना स्थल पर मनोज तिवारी पहुंचे तो आप कार्यकर्ताओं औऐर वहां मौजूद पुलिस के साथ उनकी झड़प हो गई.


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