मुंबई: एनआईए ने कहा कि मनसुख हिरेन हत्या के आरोपियों को देश के अलग-अलग जगहों पर छुपने के लिए पैसे मुहैया कराए गए थे. जांच एजेंसी ने शुक्रवार को कोर्ट में ये बात कही. एंटीलिया कांड और मनसुख हत्या मामले में 11 जून को एनआईए ने पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा का खबरी संतोष शेलार और आनंद जाधव को गिरफ्तार किया गया था. शेलार पर आरोप है कि वह प्रदीप शर्मा का मुखबिर था और कई वर्षों से उसके साथ घनिष्ठ रूप से जुड़ा हुआ था. उसने कथित तौर पर मनसुख हिरन के शव को फेंक दिया था. आरोप है कि वह भी लाल टवेरा कार में मौजूद था और उसने मनसुख की रूमाल का इस्तेमाल कर हत्या की थी.


4 मार्च को सुनील माने ने मनसुख को घोडबंदर में उसे सौंप दिया. उसका आपराधिक रिकॉर्ड है और उसके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं. एक हाई प्रोफाइल मामले में उसका नाम महत्वपूर्ण सबूतों के गायब होने में सामने आ चुका है लेकिन उसके खिलाफ कुछ भी नहीं मिला.


इसके अलावा आनंद जाधव पर आरोप है कि वो भी कथित तौर पर शर्मा को जानता था. वह भी लाल टवेरा कार में मौजूद था, जब मनसुख की हत्या की गई थी. शर्मा और सचिन वाझे के निर्देश पर उसके शरीर को डंप करने में मदद की थी. वह कथित तौर पर शेलार को जानता था और शर्मा के निर्देश पर उसे इस काम के लिए लाया गया था. शुक्रवार को कोर्ट ने संतोष शेलार और आनंद जाधव को एक जुलाई तक एनआईए की कस्टडी में भेज दिया है. आज एनआईए ने उनकी 6 दिनों की अतिरिक्त कस्टडी की मांग की थी.


एनआईए ने आज कोर्ट में बताया कि जांच के दौरान जब टवेरा कार मिली उसके बाद ये दोनों दूसरे राज्यों में जाकर छुप गए थे. इसके अलावा वे महाराष्ट्र के दूसरे इलाकों में गए थे. ये सारी बातें इन आरोपियों ने नहीं बताई लेकिन दूसरे आरोपियों से हमें पता चली है.


ये लोग अलग अलग जगह भाग रहे थे ताकि इनकी गिरफ्तारी ना हो सके और जांच में यह भी पता चला कि यहां वहां छुपने के लिए उन्हें फंड भी मुहैया करवाया गया है वो पैसे कहां से आये हैं इस बारे में हमे पता लगाना है. इसके लिए उनके बैंक अकाउंट की जांच करनी है और दूसरे सोर्स का भी पता लगाना है जहां से पैसे आ सकते हैं.


इसके अलावा एनआईए को एक दिन पहले ही पता चला है कि दोनों ही आरोपियों का सोशल मीडिया अकाउंट है और वो दोनों सोशल मीडिया पर एक्टिव थे. हम पता लगाना है कि ये किसके साथ सोशल मीडिया के माध्यम से संपर्क में थे. चूंकि जिन सोशल मीडिया साइट्स पर ये लोग एक्टिव थे उनके ऑफिस विदेशों में हैं उनसे डिटेल मंगवाई है जिससे डिटेल आनी बाकी है.


एनआईए ने कोर्ट को कहा की ये आरोपी लातूर से गिरफ्तार किए गए थे वो लातूर आने से पहले दिल्ली भी गए थे. हम पता लगाना है कि वहां वो किसके संपर्क में थे? उन तमाम जगहों पर हमें इन आरोपियों को लेकर जाना है ताकि और भी सबूत उन जगहों से इकट्ठा किया जा सके.


एनआईए को अबतक वो आर्टिकल्स नहीं मिले है जो मनसुख की हत्या के बाद से उसके शरीर से गायब हुई थी. इसके अलावा मनसुख की हत्या के लिए इस्तेमाल की गई आर्टिकल भी नहीं मिले हैं, उनकी तलाश एनआईए अब भी कर रही है.


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