मनसुख हिरेन हत्या मामला: दोनों आरोपियों को कोर्ट ने 30 मार्च तक पुलिस हिरासत में भेजा, ATS ने किया था गिरफ्तार
शनिवार की देर रात पुलिसकर्मी विनायक शिंदे और एक सटोरिये नरेश धारे को गिरफ्तार किया. एक अधिकारी ने बताया कि कि मनसुख हिरेन हत्या मामले के संबंध में पूछताछ के लिए दोनों आरोपियों को शनिवार को एटीएस मुख्यालय में बुलाया गया था और बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.
मुंबई: मनसुख हिरेन हत्याकांड मामलें में गिरफ्तार दोनों आरोपियों को कोर्ट ने 30 मार्च तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया है. शनिवार की देर रात महाराष्ट्र आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने एक निलंबित पुलिसकर्मी विनायक शिंद और बुकी नरेश धारे को गिरफ्तार किया था. दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जहां उन्हें 30 तारीख तक पुलिस की कस्टडी में भेज दिया.
रविवार को एक अधिकारी ने बताया कि शनिवार देर रात को एक पुलिसकर्मी विनायक शिंदे और एक सटोरिये नरेश धारे को गिरफ्तार किया गया. उन्होंने बताया कि मनसुख हिरेन हत्या मामले के संबंध में पूछताछ के लिए दोनों आरोपियों को शनिवार को एटीएस मुख्यालय में बुलाया गया था और बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. उन्होंने बताया कि शिंदे, लखन भैया फर्जी मुठभेड़ मामले में दोषी है और पिछले साल ही वह कुछ दिनों के लिए फरलो पर जेल से बाहर आया था.
आरोपियों की गिरफ्तारी उस दिन की गई जब केंद्रीय गृहमंत्रालय ने मनसुख हिरेन मौत मामले की जांच एनआईए को सौंप दी. इससे पहले इस मामले की जांच एटीएस कर रही थी. एनआईए उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास विस्फोटक वाले स्कॉर्पियों मामले की भी जांच कर रही है.
क्या है पूरा मामला?
25 फरवरी को अंबानी के घर के पास एक स्कॉर्पियो मिली जिसमें 20 जिलेटिन की छड़ें थीं. बाद गाड़ी के मालिक मनसुख हिरेन की संदिग्ध तरीके से मौत हो गई और उसकी लाश ठाणे में मिली. मनसुख हिरेन की पत्नी ने हत्या के पीछे सचिन वाजे की भूमिका होने का आरोप लगाया. बाद में एटीएस ने 13 मार्च को सचिन वाजे को गिरफ्तार कर लिया और 25 मार्च तक एनआईए की हिरासत में भेज दिया.
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