मनसुख हिरेन मामला: आमने-सामने आयी जांच एजेंसियां, एनआईए ने महाराष्ट्र डीजीपी को लिखा खत
महाराष्ट्र के डीजीपी रजनीश शेट ने एबीपी न्यूज़ को जानकारी दी की हमे एनआईए की तरफ से खत आया है जिसे हमने आगे फॉरवर्ड किया है जिसका डिसीजन वो लोग लेंगे. एनआईए का कहना है कि एटीएस प्रोसीजर को फॉलो नही कर रही है और मनसुख हिरेन मामले के दस्तावेज हैंडओवर नही कर रही है.
मुंबई: महाराष्ट्र में चल मनसुख हिरेन हत्या मामले की जांच को लेकर अब दो जांच एजेंसियां आमने सामने आ गयी हैं. सूत्रों की माने तो अब इस जांच को लेकर जो लड़ाई है वो दिखाई भी देने लगी है. आपको बता दें कि मनसुख हिरेन हत्या मामले की जांच महाराष्ट्र एटीएस कर रही है और एंटीलिया बंगले के पास 20 जिलिटीन और धमकी भरे खत के साथ स्कॉर्पियो गाड़ी खड़ी करने के मामले में एनआईए जांच कर रही है.
एनआईए को अपनी जांच के दौरान दोनों ही मामले एक दूसरे से कनेक्टेड मिले जिसके बाद ही मनसुख हत्या का मामला भी एनआईए को जांच के लिए दिया जाए इसलिए 20 मार्च को ही एमएचए से ऑर्डर भी आ गया था. इसके बावजूद जांच के किये आवश्यक दस्तावेज एटीएस एनआईए को हैंडओवर नही कर रही है.
एनआईए ने महाराष्ट्र डीजीपी को लिखा खत! इसी संदर्भ में एनआईए ने महाराष्ट्र के डिरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस को रिक्वेस्ट कर कोपरेट करने को भी कहा है. महाराष्ट्र के डीजीपी रजनीश शेट ने एबीपी न्यूज़ को जानकारी दी की हमे एनआईए की तरफ से खत आया है जिसे हमने आगे फॉरवर्ड किया है जिसका डिसीजन वो लोग लेंगे.
एनआईए ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया एनआईए ने अब मनसुख हिरेन मामले की जांच उन्हें मिले इसके लिए अब एनआईए कोर्ट में एटीएस के खिलाफ शिकायत की है. एनआईए का कहना है कि एटीएस प्रोसीजर को फॉलो नही कर रही है और मनसुख हिरेन मामले के दस्तावेज हैंडओवर नही कर रही है. एनआईए ने यह भी आरोप लगाया है कि एटीएस उन्हें कोपरेट नही कर रही है. जिसके बाद अब एनआईए कोर्ट ने बुधवार के दिन एटीएस को कोर्ट में अपना पक्ष रखने को कहा है की आखिर क्यों अब तक आर्डर आने के बाद भी मामले से जुड़े दस्तावेज एनआईए को हैंडओवर नही किये जा रहे हैं.
वॉल्वो कार को लेकर भी हुई रेस! महाराष्ट्र एटीएस जिसे वॉल्वो कार मिली उस गाड़ी के पीछे एनआईए भी कई दिनों से पड़ी थी और फिर सोमवार के दिन एनआईए को पता चला कि एटीएस को वॉल्वो गाड़ी का पता चल गया जिसके बाद एनआईए की एक टीम ठाणे एटीएस पहुची और एटीएस की मदत मांगी गई लेकिन एटीएस ने उसी बीच अपनी टीम को जिसे गाड़ी की लीड मिली थी उसे दमन भेजकर गाड़ी अपने कब्जे में लेली.
मुंबई: महाराष्ट्र में चल मनसुख हिरेन हत्या मामले की जांच को लेकर अब दो जांच एजेंसियां आमने सामने आ गयी हैं. सूत्रों की माने तो अब इस जांच को लेकर जो लड़ाई है वो दिखाई भी देने लगी है. आपको बता दें कि मनसुख हिरेन हत्या मामले की जांच महाराष्ट्र एटीएस कर रही है और एंटीलिया बंगले के पास 20 जिलिटीन और धमकी भरे खत के साथ स्कॉर्पियो गाड़ी खड़ी करने के मामले में एनआईए जांच कर रही है.
एनआईए को अपनी जांच के दौरान दोनों ही मामले एक दूसरे से कनेक्टेड मिले जिसके बाद ही मनसुख हत्या का मामला भी एनआईए को जांच के लिए दिया जाए इसलिए 20 मार्च को ही एमएचए से ऑर्डर भी आ गया था. इसके बावजूद जांच के किये आवश्यक दस्तावेज एटीएस एनआईए को हैंडओवर नही कर रही है.
एनआईए ने महाराष्ट्र डीजीपी को लिखा खत! इसी संदर्भ में एनआईए ने महाराष्ट्र के डिरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस को रिक्वेस्ट कर कोपरेट करने को भी कहा है. महाराष्ट्र के डीजीपी रजनीश शेट ने एबीपी न्यूज़ को जानकारी दी की हमे एनआईए की तरफ से खत आया है जिसे हमने आगे फॉरवर्ड किया है जिसका डिसीजन वो लोग लेंगे.
एनआईए ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया एनआईए ने अब मनसुख हिरेन मामले की जांच उन्हें मिले इसके लिए अब एनआईए कोर्ट में एटीएस के खिलाफ शिकायत की है. एनआईए का कहना है कि एटीएस प्रोसीजर को फॉलो नही कर रही है और मनसुख हिरेन मामले के दस्तावेज हैंडओवर नही कर रही है. एनआईए ने यह भी आरोप लगाया है कि एटीएस उन्हें कोपरेट नही कर रही है. जिसके बाद अब एनआईए कोर्ट ने बुधवार के दिन एटीएस को कोर्ट में अपना पक्ष रखने को कहा है की आखिर क्यों अब तक आर्डर आने के बाद भी मामले से जुड़े दस्तावेज एनआईए को हैंडओवर नही किये जा रहे हैं.
वॉल्वो कार को लेकर भी हुई रेस! महाराष्ट्र एटीएस जिसे वॉल्वो कार मिली उस गाड़ी के पीछे एनआईए भी कई दिनों से पड़ी थी और फिर सोमवार के दिन एनआईए को पता चला कि एटीएस को वॉल्वो गाड़ी का पता चल गया जिसके बाद एनआईए की एक टीम ठाणे एटीएस पहुची और एटीएस की मदत मांगी गई लेकिन एटीएस ने उसी बीच अपनी टीम को जिसे गाड़ी की लीड मिली थी उसे दमन भेजकर गाड़ी अपने कब्जे में लेली.
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