मुंबई: भारत के सबसे बड़े उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास 20 जिलिटीन के साथ जो स्कॉर्पियो मिली थी उसके मालिक की डेड बॉडी संदिग्ध हालात में ठाणे के खाड़ी में मिली. मृत देह मिलने के 24 घंटे बाद भी अब तक मौत का कारण का पता लगाने जांच एजेंसी और डॉक्टर अब भी कामयाब होती दिखाई नही दे रहे हैं.
कौन है मनसुख हिरेन
मनसुख हिरेन मुंबई से सटे ठाणे जिला में गाड़ियों का स्पेयर पार्ट्स का बिजनेज चलाते थे. मनसुख 2005 से ठाणे के डॉ आंबेडकर रोड पर स्थित विकास पाम्स नाम की सोसाइटी में अपने बीवी और तीन बच्चों के साथ रहते थे और वे जैन समाज से हैं.
मनसुख उस समय लाइम लाइट में आए जब सबको पता चला कि जो स्कॉर्पियो 20 जिलिटीन के साथ मुकेश अंबानी के घर से मजह 500 से 600 मीटर की दूरी पर खड़ी थी वह गाड़ी मनसुख की थी. इस घटना के बाद से मनसुख से मुंबई पुलिस ने कई बार घंटों तक कई सवाल पूछे और अचानक से शुक्रवार की दोपहर लोगों को पता चला कि उनका मृत शरीर कलवा क्रीक में मिला है.
पूर्व मुख्यमंत्री ने साधा निशाना
शुक्रवार को विधानसभा सत्र के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में कहा कि उन्हें इस पूरे मामले की जांच पर शक है और इस मामले में जांच अधिकारी सचिन वाझे पर भी कई सवाल उठाए. जिस समय वह मीडिया से बात कर रहे थे उसी समय मनसुख की डेड बॉडी कलवा क्रीक से मिली जिसके बाद ही यह मुद्दा फिर से तूल पकड़ लिया और फिर महाराष्ट्र के गृह मंत्री ने आनन फानन में इस मामले की जांच एटीएस को ट्रांसफर कर दिया.
शुक्रवार की दोपहर को ही मनसुख की डेड बॉडी को कलवा के सरकारी अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के लिए ले जाया गया था और फिर शनिवार की दोपहर को डॉक्टरों ने प्राथमिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट पुलिस को सौंप दी पर उस रिपोर्ट में मौत का कारण नही लिखा.
पुलिस सूत्रों की माने तो डॉक्टरों ने पुलिस को बताया कि जिस तरह की रिपोर्ट है उसके मुताबिक यह डूब कर मरने की वजह से मौत हुई हो सकती है पर डॉक्टरों ने इसे रिपोर्ट पर न लिखकर कुछ और दूसरे रिपोर्ट का इतंजार कर रही है और जिसके बाद ही डॉक्टर सही बात सकेंगे कि मौत किस वजह से हुई हो सकती है.
ठाणे पुलिस की माने तो इस मामले में विसरा और दूसरी चीजें प्रिसर्व कर उसे कालीन फ़ॉरेंसिक लॉब में केमिकल एनालिसिस के लिए भेज दिया गया है.
परिवार ने मृत देह स्वीकार कर किया अंतिम संस्कार
शुरुआत में परिवार वाले काफी नाराज थे उनका कहना था की वे लोग इस बात को मान ही नहीं सकते कि मनसुख हिरेन ने आत्महत्या की है इसलिए वे लोग इसकी जांच के लिये मामला दूसरी एजेंसी को सौंपने की बात कर रहे थे और अगर सरकार उनकी मांग नही मानती है तो वे लोग बॉडी नही स्वीकार करेंगे. इसी बीच पोस्टमार्टम हुआ और फिर रिपोर्ट में मौत की वजह नहीं लिखी जिस पर परिवार ने फिर से नाराजगी दिखाई.
कुछ घंटों तक ठाणे के डीसीपी अविनाश अम्बुरे ने परिवार को समझाया और उन्हें डॉक्टरों से भी मिलवाया जिसके बाद शाम करीब 5 बजे परिवार में मनसुख का शव स्वीकार लिया और उसका अंतिम संस्कार किया.
पुलिस की जांच
पुलिस सूत्रों की माने तो मनसुख हिरेन की बॉडी के साथ उनका मोबाइल फ़ोन नही मिला था, जिसके बाद मनसुख हिरेन का मोबाईल ढूंढने के काम पुलिस कर रही है. एक अधिकारी ने बताया कि मनसुख को किस किसने फ़ोन किया था और मनसुख ने किस किस को फ़ोन किया था पुलिस इसकी जांच कर रही है, मनसुख का सिडीआर निकाला जा रहा है और इस बात की जांच के लिए ठाणे पुलिस ने 3 टीमें बनाई है जो लोग पूरे इलाके का CCTV की जांच कर रही है.
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