कोरोना के खिलाफ केन्द्र समेत देशभर कि राज्य सरकारें सतर्क है और लोगों को लगातार हिदायतें दी जा रही है कि वे लॉकडाउन का उल्लंघन कर घरों से न निकलें. वहीं कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे के बीच तबलीगी जमात ने ऐसा जोखिम भरा कदम उठाया है जिसके कारण आज कईयों की जिंदगी खतरे में आ गई है.
कोरोना महामारी के चलते दुनिया भर में तबाही का आलम है और सारे कामकाज बंद हो चुके हैं. सोशल डिस्टेंसिंग की बात तमाम सरकारें लगातार कर रही हैं. लेकिन बावजूद इन सबके तबलीगी जमात ने दिल्ली में पिछले दिनों एक धार्मिक आयोजन किया था इसमें विश्व भर के धर्मगुरु और देश विदेश के लोग शामिल हुए थे. इस कार्यक्रम में शामिल होने के बाद लोग देश भर में फैल गए हैं जिससे कि अब यह संक्रमण दूसरों में भी बढ़ने लगा है.
आंध्र प्रदेश की अगर बात करें तो अब तक कोरोना वायरस के कारण पॉजिटिव केस 19 पहुंच चुके हैं जिनमें से सोमवार को छह सामने आए हैं. इस कार्यक्रम के कारण खतरा कितना बड़ा है अगर इससे विस्तार में बताएं तो आंध्र प्रदेश के पेशंट 14 और 15, पेशंट नंबर 10 जो कि दिल्ली में उस कार्यक्रम में पहुंचे थे उसके सीधे संपर्क में आए. जानकारी के मुताबिक, पेशेंट नंबर 10 निजामुद्दीन के उस मस्जिद मैं गए थे और 20 अन्य लोगों के साथ रहे भी. इसके अलावा वापस गुंटूर लौटने के लिए 18 मार्च को दुरंतो एक्सप्रेस पकड़ी. यानी पेशन नंबर 10 ने न सिर्फ 20 लोगों को बल्कि उस ट्रेन में भी न जाने कितनों को संक्रमण का खतरा बढ़ा दिया है.
तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए लोग कोरोना संक्रमित या तो पाए जा चुके हैं या अन्य कई लोगों के कोरोना पॉजटिव होने का खतरा है. इन्हीं में गुंटूर के विधायक मुस्तफा शेख के भाई भी तबलीगी जमात के दिल्ली की कार्यक्रम में शामिल हुए थे. जिन्हें कोरोना संक्रमित पाया गया है. इसके चलते विधायक मुस्तफा शेख सहित परिवार के 14 सदस्यों को क्वारंटाइन में रखा गया है.
इसके अलावा राज्य के पेशेंट नंबर 16 भी दिल्ली से लौटे थे. यहां भी अथॉरिटी सब यह पता लगाने में जुटे हैं कि पेशेंट 16 के संपर्क में आखिर कितने लोग आए.
अब बात करते हैं तेलंगाना की यहां पर भी एक 74 वर्ष का व्यक्ति मृत घोषित होने के बाद पता चला कि उसे कोरना का संक्रमण था. उसकी ट्रेवल हिस्ट्री भी दिल्ली रही. साथ ही उसी जमात के कार्यक्रम में मौजूद भी रहे.
तमिलनाडु सरकार ने भी 1400 में से 981 लोगों को ट्रेस कर ट्रेस कर दिया है जो कि तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए थे. उनमें से 16 अब तक संक्रमित पाए गए हैं.
इसी तरह आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की सरकारें भी उन सभी लोगों को ढूंढ निकालने की कोशिश में जुटी है जो कि तबलीगी जमात के इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे.
यह तो मामले केवल 3 राज्यों के है. ऐसे में आप अनुमान लगाइए कि आखिर कितने लोगों ने इस जमात के कार्यक्रम में हिस्सा लिया होगा और कितने लोग संक्रमित हुए होंगे और ना जाने कितनों को फैलाया होगा. यही वजह है कि कोरोना संक्रमण के चलते कई राज्यों की सरकारें तबलीगी जमात के लोगों की तलाश में जुटी हुई हैं.
दिल्ली में तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए ज्यादातर लोग मलेशिया और इंडोनेशिया के नागरिक थे. ये लोग 27 फरवरी से 1 मार्च के बीच कुआलालंपुर में हुए इस्लामिक उपदेशकों के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद भारत आए थे. दिल्ली में रहने के दौरान ये लोग कई दूसरे लोगों के संपर्क में आए इसलिए अब बाकी लोगों की तलाश हो रही है.
ये लोग देश के कई अलग-अलग हिस्सों में गए और यही कारण है कि अब जम्मू-कश्मीर, दिल्ली प्रशासन के अलावा तमिलनाडु और तेलंगाना की सरकारें भी उन लोगों की तलाश कर रही हैं, जो तबलीगी जमात के इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे.
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