नई दिल्ली: देशभर के शहरों में अपराध के खात्मे को लेकर सरकार से लेकर पुलिस प्रशासन अपने प्रयास में लगी रहती है. लेकिन एक शोध में जो बात सामने आई है, वह मौजूदा वक्त में चिंता का विषय है.


द टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक बीपीआर एंड डी (ब्यूरो ऑफ रिसर्च एंड डेवलप्मेंट) के एक ताजा शोध में बेहद चौंकाने वाले और निराश करने वाले आंकड़े सामने आएं हैं. शोध में यह बात सामने आई है कि पुलिस बिना आधारभूत सुविधाओं के ही क्राइम से लड़ रही है. देश में कई ऐसे पुलिस स्टेशन हैं जहां गाड़ी, फोन और वायरलेस मौजूद नहीं हैं. आंकड़े बताते हैं कि 188 ऐसे पुलिस स्टेशन हैं जहां एक भी गाड़ी मौजूद नहीं है और देश के 402 पुलिस स्टेशन ऐसे हैं जहां टेलीफोन तक की सुविधा नहीं है.


इतना ही नहीं देश में 134 पुलिस स्टेशन ऐसे हैं जहां वायरलेस तक सुविधा मौजूद नहीं है और 65 पुलिस स्टेशन ऐसे भी हैं जहां अबतक ना तो टेलीफोन की सुविधा है और ना ही वहां वायरलेस सुविधा उपलब्ध है.


देश में कुल 15 हजार पांच सौ पचपन  पुलिस स्टेशन पर किए गए शोध में यह चौंकाने वाले आंकड़े सामने आएं हैं. उत्तर-पूर्व राज्य मनीपुर में 43 ऐसे पुलिस स्टेशन पाए गए जहां टेलीफोन सेट और वायरलेस जैसी आधारभूत सुविधा उपलब्ध नहीं है. वहीं नक्सल प्रभावित राज्य छत्तीसगढ़ में 161 तहसीलों में गाड़िया नहीं है.


शिवराज सिंह चौहान की सरकार वाली राज्य मध्यप्रदेश में 111 पुलिस स्टेशन बिना टेलीफोन लाइन के हैं. मेघालय और मनीपुर में कुल 67 पुलिस स्टेशन में फोन की सुविधा उपलब्ध नहीं है. देश के सबसे बड़े राज्यों में से एक यूपी की हालत भी ठीक नहीं है. रिसर्च में यह बात सामने आई है कि यूपी में 17 ऐसे पुलिस स्टेशन हैं जहां टेलीफोन और वायरलेस की सुविधा उपलब्ध नहीं है. आपको बता दें कि देश के ग्रामीण इलाकों में कुल 10,014 पुलिस थाने हैं और शहरी इलाकों में 5,025 पुलिस स्टेशन हैं.


बीपीआर एंड डी की रिसर्च बताती है कि प्रति 100 पुलिस कर्मचारियों पर के लिए 10.13 गाड़िया उपलब्ध है और देश में पुलिस के पास कुल एक लाख 75 हजार 358 गाड़ियां हैं. इस मामले में सबसे ज्यादा 17 हजार 131 गाड़ियां महाराष्ट्र के पास हैं. जबकि तमिलनाडू के पास 15 हजार 926 और यूपी के पास 13 हजार 452 गाड़िया मौजूद हैं.