नई दिल्ली: इस वक्त देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी संकट के दौर से गुजर रही है. लोकसभा चुनाव में सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश में निराशा हाथ लगी तो अब पार्टी के भीतर ही 'गृहयुद्द' जैसी स्थिति बन गई है. कर्नाटक से लेकर दिल्ली तक और दिल्ली से लेकर महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश तक पार्टी के लिए अराजकता की स्थिति उचपन्न हो गई है.


कांग्रेस अध्यक्ष के पद से राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद कई बड़े नेताओं ने अब तक अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. हार के आंकड़ों को देखने के बाद राहुल गांधी ने कई दिग्गज नेताओं की कार्यशैली पर सवाल भी खड़े किये थे. जिसके बाद से ही इस्तीफों का दौर शुरू हो गया.


सिंधिया ने दिया इस्तीफा


रविवार को कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने-अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने लोकसभा चुनाव में अपने क्षेत्र में पार्टी के खराब प्रदर्शन की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दिया है. सिंधिया ने ट्वीट किया कि जनादेश और जवाबदेही को स्वीकारते हुए मैंने अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के महासचिव पद से अपना इस्तीफा राहुल गांधी को सौंप दिया है. इस जिम्मेदारी के लिए मुझपर भरोसा जताने और पार्टी की सेवा का मौका देने के लिए मैं उनका आभारी रहूंगा. बता दें कि इससे पहले युवा कांग्रेस प्रमुख के पद से केशव चंद यादव ने इस्तीफा दे दिया था.





हरियाणा- अशोक तंवर द्वारा गठित चुनाव प्रबंध समिति को आजाद ने अमान्य’ घोषित किया


हरियाणा के लिए कांग्रेस के प्रभारी महासचिव गुलाम नबी आजाद ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर द्वारा गठित चुनाव प्रबंध समिति को रविवार को ‘अमान्य’ घोषित कर दिया. तंवर ने हरियाणा में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए शुक्रवार को चुनाव प्रबंध समिति गठित की थी और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी सहित राज्य में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को समिति की पहली बैठक में आठ जुलाई को शरीक होने को कहा था.


आजाद ने कहा कि सिर्फ अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) के पास ही चुनाव से संबद्ध समितियां गठित करने की शक्तियां हैं और प्रदेशों के कांग्रेस प्रमुख खुद से ऐसा नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि तंवर द्वारा गठित हरियाणा चुनाव समिति ‘अमान्य’ है और इसके लिए एआईसीसी की इजाजत नहीं ली गई थी. कांग्रेस अध्यक्ष पद से राहुल गांधी के इस्तीफे के बावजूद तंवर ने हरियाणा कांग्रेस प्रमुख के पद पर बने रहने का फैसला लिया. वहीं, हरियाणा कांग्रेस के कई नेता लंबे समय से तंवर के इस्तीफे की मांग रहे हैं.


पंजाब में अब तक सिद्धू ने नहीं संभाला नया मंत्रालय


पंजाब में सीएम अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच जारी गतिरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है. मंत्रालय बदले जाने के बाद सिद्धू ने अभी तक नए मंत्रालय का प्रभार नहीं संभाला है. इस बीच खबर है कि राज्य के एक और कैबिनेट मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा ने शनिवार को अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगी सिद्धू से अपील की कि वह ऊर्जा मंत्रालय का प्रभार संभाल लें.


संजय निरुपम ने मिलिंद देवड़ा की नीयत पर उठाए सवाल, कहा- सावधान रहे पार्टी


कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने रविवार को मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया. इसी साल मार्च में उन्हें संजय निरुपम की जगह अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. अब उनके इस्तीफा देने के बाद संजय ने उनकी 'नियत' पर सवाल खड़े किए हैं. संजय ने रविवार शाम ट्वीट कर कहा कि 'इस्तीफा में त्याग की भावना अंतर्निहित होती है. यहां तो दूसरे क्षण ‘नेशनल’ लेवल का पद मांगा जा रहा है. यह इस्तीफा है या ऊपर चढ़ने की सीढ़ी ? पार्टी को ऐसे ‘कर्मठ’ लोगों से सावधान रहना चाहिए.'





कर्नाटक- कभी भी गिर सकती है कांग्रेस-जेडीएस सरकार, 13 विधायकों ने दिया इस्तीफा


कर्नाटक में पिछले 13 महीने से चली आ रही गठबंधन सरकार शनिवार को 13 विधायकों के इस्तीफे के बाद से लड़खड़ाने लगी है. आशंका है कि सोमवार को कुछ और विधायक इस्तीफा दे सकते हैं और इससे सरकार गिर भी सकती है. इस्तीफा देने वालों में 10 विधायक कांग्रेस और 3 जेडीएस के शामिल हैं.


कांग्रेस के लिए यह स्थिति महज कर्नाटक में ही खराब नहीं है. पूरे देश में जिस तरह से कांग्रेस के विधायक पार्टी और पद छोड़ रहे हैं उससे पार्टी में अराजकता की स्थिति साफ देखी जा सकती है. राज्यों में लंबे वक्त से सत्ता न होने और आगे भी जल्दी में कोई आस न दिखने पर विधायक पालाबदल में जुटे हैं.


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