महाराष्ट्र: मराठा आंदोलनकारियों का 'जेल भरो आंदोलन' आज से, दोपहर 1 बजे मुंबई से शुरुआत
महाराष्ट्र में मराठा आबादी 33 फीसदी यानी करीब 4 करोड़ है. मराठा समाज 16% आरक्षण की मांग कर रहा है. पिछड़ा वर्ग के तहत सरकारी नौकरी में आरक्षण की मांग की जा रही है.
नई दिल्ली: महाराष्ट्र में सरकार की अपील के बाद भी मराठा समाज शांत नहीं हो रहा. हिंसा करने वाले आंदोलनकारीयों की गिरफ़्तारी के विरोध में आज मुंबई में जेल भरो आंदोलन होने जा रहा है. मराठा समाज का मानना है कि पुलिस ने जानबुजकर बेगुनाह लोगों को हिंसा करने के आरोप में गिरफ्तार किया है. इसलिए अगर उनकी रिहाई नहीं होती या केस वापस नहीं लिए जाते तब मराठा समाज जेल भरो आंदोलन करता रहेगा.
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को सर्वदलीय बैठक के बाद ये घोषणा की थी कि जिन लोगों पर हिंसा के गंभीर मामले दर्ज है उन्हें छोड़कर शांतिपूर्ण तरिके से आंदोलन करनेवाले लोगों को रिहा किया जाएगा और केस भी वापस लिए जाएँगे. इसके बाद भी मराठा समाज मानने के लिये तैयार नहीं है. वहीं समाज की इस तीव्र भावनाओं को देखते हुए मराठा समाज के विधायकों ने लोगों से शांति बनाने की अपील की है.
पहले राज्य भर में एक साथ जेलभरों आंदोलन होना था लेकिन अब बारी बारी से पुरे राज्य में 9 अगस्त तक ये जेलभरों आंदेलन चलेगा जिसके बाद एक बडा आंदोलन करने की तैयार मराठा समाज कर रहा है. इन लोगों की मांग कि इस बार आश्वासन नहीं ठोस क़दम सरकार उठाए. जबतक लिखित रुप में कोई ठोस निर्णय सरकार नहीं देती तब तक महाराष्ट्र में फ़ैली आरक्षण की ये आग शांति नहीं होगी.
सोमवार को पुणे नासिक हाईवे पर फूंके बस-ट्रक आरक्षण की मांग कर रहे आंदोलनकारियों ने सोमवार को पुणे में जमकर तोड़फोड़ और आगजनी की. पुणे नासिक हाइवे पर करीब 30 से ज्यादा बसों और ट्रकों को आग के हवाले कर दिया गया और 100 से ज्यादा गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई. बता दें कि पुणे नासिक हाइवे पर कल सुबह 10 बजे शांतिपूर्ण ढंग से रास्ता रोको आंदोलन का आयोजन किया था. करीब दो घंटे तक शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन चला फिर देखते ही देखते भीड़ हिंसक हो गई और आंदोलन हिंसा में तब्दील हो गया.
मराठा समाज की मुख्य मांगें क्या हैं? महाराष्ट्र में मराठा आबादी 33 फीसदी यानी करीब 4 करोड़ है. मराठा समाज 16% आरक्षण की मांग कर रहा है. पिछड़ा वर्ग के तहत सरकारी नौकरी में आरक्षण की मांग की जा रही है. महाराष्ट्र में 72 हजार की मेगा भर्ती पर रोक की मांग हो रही है. शिक्षा के क्षेत्र में भी आरक्षण की मांग हो रही है. मराठा समाज दलित अत्याचार कानून के गलत इस्तेमाल रोकने की मांग भी कर रहा है.
दो साल से चल रहा है आंदोलन आरक्षण के लिए मराठाओं का आंदोलन पिछले दो सालों से चल रहा है. इस आंदोलन का नेतृत्व मराठा क्रांति मोर्चा कर रहा है. पिछले दिनों औरंगाबाद में एक युवक की नदी में कूदकर जान देने के बाद आंदोलन हिंसक हो गया. मुंबई, नवी मुंबई, ठाणे, पुणे, औरंगाबाद, नासिक, परभणी समेत कई जिलों में हिंसक प्रदर्शन हुए.
आंदोलन का कोई चेहरा नहीं सीएम फडणवीस ने विशेष सत्र बुलाकर मराठा आरक्षण देने का एलान किया है. महाराष्ट्र के अहमदनगर के कोपर्डी में 2016 में मराठा समाज की नाबालिग से गैंगरेप के बाद इस आंदोलन ने नया मोड़ ले लिया, लाखों की तादाद में लोग सड़कों पर उतर आए. इस आंदोलन की सबसे खास बात ये है कि इसका कोई चेहरा नहीं है.