Maratha Quota Agitation: महाराष्ट्र के जालना जिले में मराठा आरक्षण आंदोलन शुक्रवार को हिंसक हो गया, जिसमें कम से कम 42 पुलिसकर्मियों सहित कई लोग घायल हो गए. आम नागरिकों के घायल होने की सूचना नहीं मिली है.


अधिकारियों ने बताया कि अंबाड तहसील में धुले-सोलापुर रोड पर अंतरवाली सराथी गांव में हिंसक भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े.


पुलिस की कार्रवाई के बाद प्रदर्शनकारियों ने 20 से अधिक गाड़ियों में तोड़फोड़ की. दो गाड़ियों में आग भी लगा दी. तनाव को देखते हुए भारी संख्या में पुलिसबल की तैनाती की गई.


ग्रामीणों ने दावा किया कि पुलिस ने हवा में गोलीबारी की, लेकिन अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की. मनोज जारांगे के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर मंगलवार से गांव में भूख हड़ताल कर रहे थे. 


राजनीतिक रूप से प्रभावशाली मराठा समुदाय के लिए राज्य सरकार की तरफ से दिए गए आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था.


सीएम ने की शांत की अपील


मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शांति की अपील की और घोषणा की कि हिंसा की उच्च स्तरीय जांच के लिए एक समिति गठित की जाएगी. वहीं, उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दावा किया कि पथरव के कारण पुलिस को लाठीचार्ज करने के लिए मजबूर होना पड़ा.


पुलिस ने बताया कि शुक्रवार को आंदोलन हिंसक हो गया और कुछ लोगों ने राज्य परिवहन की बसों और निजी वाहनों को निशाना बनाया. 


अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार को प्रदर्शनकारियों से बात की थी और उनसे भूख हड़ताल खत्म करने का आग्रह किया था लेकिन उन्होंने पीछे हटने से इनकार कर दिया था. उन्होंने बताया कि जालना में अतिरिक्त पुलिस बल भेजा गया है.


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