'सभी मराठा आरक्षण के पक्ष में', सर्वदलीय बैठक के बाद बोले सीएम शिंदे, मनोज जरांगे ने त्यागा जल | बड़ी बातें
Maratha Reservation Row: सवर्दलीय मीटिंग में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत सभी विपक्षी नेताओं ने मराठा आरक्षण को लेकर सहमति जताई, लेकिन आंदोलन तेज होता जा रहा है.
Maratha Reservation: महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर आंदोलन तेज हो गया है. इसी देखते हुए सरकार अलर्ट है. बुधवार (1 नवंबर) को सर्वदलीय बैठक बुलाई. इस दौरान सभी ने एक सुर में कहा कि हम मराठा आरक्षण के समर्थन में हैं. वहीं दूसरी तरफ प्रदर्शनकारी नेताओं के आवासों को भी निशाना बना रहे हैं. इस बीच आरक्षण के लिए आंदोलन कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने जल त्याग दिया है. उन्होंने कहा है कि जब तक मांगें पूरी नहीं होगी हमारा ये प्रदर्शन जारी रहेगा. बड़ी बातें-
1. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में मराठा आरक्षण पर बुधवार को हुई सर्वदलीय बैठक में नेताओं ने एक प्रस्ताव पारित कर कार्यकर्ता मनोज जरांगे से अनिश्चितकालीन अनशन खत्म करने का आग्रह किया. मीटिंग के बाद सीएम शिंदे ने कहा कि सरकार मराठा आरक्षण के पक्ष में है. ये भी ध्यान रहेगा कि दूसरे वर्ग को इससे नुकसान नहीं हो. शिंदे ने कहा कि सरकार को आरक्षण लागू करने की कानूनी औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए समय चाहिए.
2. इसके अलावा मीटिंग में शामिल अन्य दलों के नेता भी मराठा समुदाय को आरक्षण देने को लेकर सभी एकमत दिखे. विपक्षी दलों के नेताओं ने कहा कि इसके कानूनी पहलुओं को पूरा करने के बाद ही स्थायी आरक्षण दिया जा सकता है. राज्य में सभी दल इस संबंध में मिलकर काम करने को तैयार हैं.
3. मराठा आरक्षण के मामले को लेकर सरकार की बुलाई गई बैठक में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस, एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार, वरिष्ठ कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण, शिवसेना (यूबीटी) नेता अनिल परब समेत कई नेता मौजूद रहे.
4. महाराष्ट्र के बीड सबसे ज्यादा मराठा आरक्षण के कारण हुए आंदोलन से प्रभावित रहा. यहां बुधवार (1 नवंबर) की सुबह जिलों के कुछ हिस्सों में कर्फ्यू हटा लिया गया. हालांकि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए इंटरनेट सेवाएं अभी भी बंद है. अधिकारियों ने बताया कि धाराशिव जिले में फिलहाल कर्फ्यू में कोई ढील नहीं दी गई है. न्यूज एजेंसी पीटीआई ने अधिकारियों के हवाले से बताया कि बताया कि बीड पुलिस ने हिंसा के सिलसिले में अब तक 30 से अधिक मामले दर्ज किये हैं और 99 लोगों को गिरफ्तार किया है.
5. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने कहा कि मराठा समुदाय अधूरा आरक्षण स्वीकार नहीं करेगा. ऐसे में महाराष्ट्र सरकार को इस मुद्दे पर राज्य विधानसभा का विशेष सत्र बुलाना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘आरक्षण देने में चयनात्मक न हों. सभी मराठों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र दें. अधिकारियों को इन (कुनबी) प्रमाणपत्रों को वितरित नहीं करना चाहिए (जैसा कि सरकार ने घोषित किया है).’’
6. मराठा आरक्षण को लेकर मुंबई-बेगुलरु हाईवे जाम कर यहां टायर जलाने के मामले में पुणे पुलिस ने 500 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किए हैं. अधिकारियों ने बताया कि नवले ब्रिज पर 12 बजकर 15 मिनट से 2 बजकर 45 मिनट तक सड़क जाम रखी गई.
7. महाराष्ट्र पुलिस ने मराठा आरक्षण की मांग को लेकर राज्य के कुछ हिस्सों में चल रहे आंदोलनों को देखते हुए उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नागपुर के स्थित आवास पर सुरक्षा बढ़ा दी है. नागपुर के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने मंगलवार शाम को यहां धरमपेठ इलाके के त्रिकोणी पार्क में फडणवीस के आवास पर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की थी.
8. अजित पवार के नेतृत्व वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी गुट, उद्धव ठाकरे की शिवसेना और कांग्रेस के प्रदर्शनकारी विधायक सचिवालय भवन की सीढ़ियों पर बैठ गए. मराठों के लिए आरक्षण के समर्थन वाले संदेशों वाली तख्तियां दिखाकर प्रदर्शन किया. सभी एएलए ने राज्य विधानसभा का विशेष सत्र बुलाए जाने की भी मांग की.
9. मराठा आरक्षण के मामले को लेकर उद्धव ठाकरे की शिवसेना के सांसद विनायक राउत ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लेटर लिखकर उनसे मिलने का समय मांगा है. इसमें मराठा और धनगर समुदायों के लिए आरक्षण के मुद्दे पर चर्चा के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की गई है. लेटर में लिखा गया है कि शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सांसद संजय राउत के नेतृत्व में 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल पांच या छह नवंबर को राष्ट्रपति से मिलना चाहता है.
10. महाराष्ट्र के डीजीपी रजनीश सेठ ने कहा कि मराठा आरक्षण को लेकर अलग अलग जगहों पर आंदोलन हुए है. कई जगहों पर सार्वजनिक संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया गया. पूरे राज्य में 141 मामले दर्ज हुए हैं. कुल 168 लोगो को गिरफ्तार किया गया. आईपीसी की धारा 307 के तहत 7 लोगों पर मामले दर्ज किए गए हैं. संभाजी नगर ग्रामीण, जालना और बीड में इंटरनेट सुविधा बंद है. 17 SRPF की टुकड़ी तैनात की गई है, बीड़ में 1 RCP और 7000 होम गार्ड तैनात किए गया है. करीब 12 करोड़ की राशि की सामाजिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया है.