मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने मराठा समाज को आरक्षण देने का फैसला किया है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में आज हुई कैबिनेट की बैठक में इस बड़े फैसले पर मुहर लगाई गई. सीएम ने कहा कि SEBC (सोशली एंड एजुकेशनली बैकवर्ड क्लास) के अलग श्रेणी में मराठा समाज को आरक्षण देने का निर्णय लिया गया. यानि यह माना गया है कि मराठा समाज शैक्षणिक और सामाजिक आधार पर पिछड़ा है.
सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ''हमें पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट मिली थी, जिसमें तीन सिफारिशें की गई हैं. मराठा समुदाय को एसईबीसी के तहत से अलग से आरक्षण दिया जाएगा. हमने पिछड़ा वर्ग आयोग की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है और इसे लागू करने के लिए एक कैबिनेट सब कमेटी बनाई गई है.''
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 15 (4) और 16 (4) के अनुसार मराठा समाज आरक्षण के पात्र हैं. कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद अब इस फैसले को महाराष्ट्र विधानसभा में रखा जाएगा. जहां से मंजूरी मिलने के बाद संसद में इसे पेश किया जाएगा.
आपको बता दें कि महाराष्ट्र में आरक्षण की मांग को लेकर मराठा समाज ने कई आंदोलन किये हैं. इस दौरान जमकर हिंसा हुई और इसमें कईयों की जानें चली गई. आरक्षण समर्थक कई युवाओं ने खुदकुशी भी कर ली थी. मराठा क्रांति मोर्चा, सकल मराठा समाज और अन्य संगठनों ने आंदोलनों का नेतृत्व किया. मराठा आरक्षण आंदोलन का सबसे अधिक असर उस्मानाबाद, सोलापुर, कोल्हापुर, नंदूरबार और औरंगाबाद में देखा गया था.