Maratha Reservation: मराठा आरक्षण को लेकर आंदोलन कर रहे मनोज जरांगे ने शुक्रवार (26 जनवरी) को चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार हमारी मांग पूरी नहीं करती है तो वह शनिवार (27 जनवरी) से मुंबई के आजाद मैदान में धरना-प्रदर्शन के लिए मार्च करेंगे. बिना आरक्षण वो वापस नहीं लौटेंगे.
जरांगे ने आगे कहा कि वो अपने बच्चों के लिए 600 किलोमीटर चलकर आए हैं. दरअसल, मनोज जरांगे अपने हजारों समर्थकों के साथ नवी मुंबई के वाशी इलाके में शिवाजी चौक पर डेरा डाले हुए हैं. उन्हें आज आजाद मैदान पहुंचना था, लेकिन वो भीड़ और गणतंत्र दिवस होने के कारण जा नहीं सके.
मनोज जरांगे ने क्या मांग की?
मनोज जरांगे ने मांग की कि मराठा आंदोलनकारियों पर दर्ज केस वापस लिए जाएं. केस वापसी का सरकारी आदेश पत्र हमें एकनाथ शिंदे सरकार दिखाए. मराठाओं को केजी से लेकर पोस्ट ग्रेजुएट तक मुफ्त शिक्षा मिलनी चाहिए. सरकारी नौकरियों में हमारी जगह रिजर्व की जाए.
सरकार ने क्या कहा?
राज्य के शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने कहा, ''जरांगे की मांगें मान ली गई हैं. इसे सरकारी प्रक्रिया के अनुसार पूरा किया जाएगा. अब तक 37 लाख कुनबी प्रमाण पत्र (Kunbi Certificate) दिये जा चुके हैं और यह 50 लाख तक बढ़ेगा.''
वहीं उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा, ''वह सरकारी नौकरियों और शिक्षा में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण का समर्थन करते हैं.''
विपक्ष ने साधा निशाना
महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने सरकार पर सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का आरोप लगाते हुए कहा कि मराठा आरक्षण संवैधानिक तरीके से दिया जाना चाहिए. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने कहा कि सरकार जरांगे और मराठा समुदाय को धोखा दे रही हैै. बता दें कि कुनबी (अन्य पिछड़ा वर्ग) दर्जे की मांग कर रहे हैं.
इनपुट भाषा से भी.
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