मराठा आरक्षण को लेकर सुलग रहा महाराष्ट्र, जानें उन विधायकों को जिन्होंने रिजर्वेशन की आग में छोड़ी विधायकी
Maratha Reservation Protest: महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग तेज हो गई है. राज्य के कई इलाकों में आंदोलन का हिंसक रूप भी देखने को मिला. साथ ही राजनीति भी चरम पर है.
Maratha Reservation Row: महाराष्ट्र की राजनीति में मराठाओं का काफी बर्चस्व है. राज्य में इस समुदाय की आबादी 30 फीसदी से भी ज्यादा है. मराठा आरक्षण की मांग ने उग्र रूप अख्तियार कर लिया. भीड़ ने पूर्व मंत्री और दो विधायकों के आवास और कार्यालयों में पर आगजनी कर दी. मामले को लेकर कई विधायकों और सांसदों ने अपने पद से इस्तीफा भी दे दिया.
मराठा आरक्षण को लेकर हो रहे आंदोलन का नेतृत्व मनोज जरांगे पाटिल कर रहे हैं. उन्होंने महाराष्ट्र सरकार को बुधवार (01 नवंबर) तक मांगे पूरी करने का समय दिया है. साथ ही अल्टीमेटम दिया कि अगर मांगे पूरी नहीं हुईं तो ये आंदोलन और तेज कर दिया जाएगा. इससे पहले साल 2018 में आरक्षण को लेकर आंदोलन हुआ था. जिसके बाद सरकार ने विधानसभा में बिल पास कर दिया था.
मराठा आरक्षण के लिए इन विधायकों और सांसदों ने दिया इस्तीफ़ा
हेमंत पाटिल
ये हिंगोली लोकसभा क्षेत्र से शिवसेना (शिंदे) सांसद हेमंत पाटिल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. हेमंत पाटिल कट्टर शिवसैनिक हैं और नादेड़ उनका कार्यक्षेत्र है. उन्होंने नगर सेवक, स्थाई समिति के अध्यक्ष और शिवसेना जिला प्रमुख के रूप में काम किया है. मौका मिला तो हिंगोली से सांसद भी बने. पहले हेमंत पाटिल राज ठाकरे के करीबी हुआ करते थे.
हेमंत गोडसे
नासिक से शिवसेना शिंदे सांसद हेमंत गोडसे शिवसेना के दिग्गज नेताओं में से एक हैं. वो महाराष्ट्र के नासिक निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं और एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना के सदस्य हैं. वह पहले महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के सदस्य थे और 2009 के चुनावों में उसी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़े, लेकिन एनसीपी के समीर भुजबल से 24,000 मतों से हार गए. 2014 में उन्होंने शानदार जीत दर्ज की और फिर 2019 में उन्हें इसी सीट से दोबारा चुना गया.
लक्ष्मण पवार
मराठा आरक्षण को लेकर बीजेपी के पहले विधायक ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. बीड जिले के गेवराई से इस बीजेपी विधायक का नाम लक्ष्मण पवार है और उन्होंने अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को सौंप दिया है.
सुरेश वडपुरकर
पाथरी परभणी से कांग्रेस विधायक सुरेश वडपुरकर ने भी अपनी इस्तीफा दिया है. वह महाराष्ट्र सरकार में राज्य मंत्री भी रहे और साल 1998 में परभणी से संसद सदस्य भी रहे. साल 2014 के दौरान वो परभणी से जिला कांग्रेस कमेटी के सदस्य भी रहे.
रमेश बोरनारे
वैजापुर संभाजीनगर से एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना के विधायक रमेश बोरनारे ने भी मराठा आरक्षण को लेकर अपने पद से इस्तीफा दिया है. रमेश बोरनारे पाटिल महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में शिवसेना के नेता है. वह शिवसेना के सदस्य के रूप में वैजापुर विधानसभा क्षेत्र से विधान सभा के वर्तमान सदस्य हैं. रमेश बोरनारे पाटिल ने वैजापुर से 2019 विधानसभा चुनाव रिकॉर्ड 57,000 वोट मार्जिन से जीता था.
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