मुंबई: सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की मांग को लेकर महाराष्ट्र के कई जिलों में मराठों का आंदोलन तेज हो गया है. कल ही एक युवक ने औरंगाबाद में गोदावरी नदी में कूदकर अपनी जान दे दी. युवक की खुदकुशी के बाद आरक्षण आंदोलन और भड़क उठा. कई जिलों में लोगों ने प्रदर्शन किया और गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया. आज मराठा आंदोलनकारियों ने मुंबई और ठाणे को छोड़कर पूरे महाराष्ट्र में बंद बुलाया है. हिंसक घटनाओं को देखते हुए स्टेट ट्रांसपोर्ट विभाग ने औरंगाबाद से पुणे के बीच बस नहीं चलाने का फैसला किया है.
इससे पहले कल परभनी जिले के गंगाखेद तहसील में प्रदर्शनकारियों ने अहमदनगर-औरंगाबाद राजमार्ग जाम कर दिया और पुलिस वाहन और बस समेत कई वाहनों को नुकसान पहुंचाया. प्रदर्शनकारियों ने मराठों के लिए तत्काल 16 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा और जान गंवाने वाले युवक शिंदे के परिवार के लिए 50 लाख रुपये के मुआवजे की मांग की है.
मराठा क्रांति मोर्चा के एक नेता ने कहा, ''हम खुदकुशी करने वाले युवक को शहीद का दर्जा दिये जाने की मांग करते हैं. परिवार को 50 लाख का मुआवजा दिया जाए. स्थानीय अधिकारियों के खिलाफ सरकार कार्रवाई करे. हम शव का तब तक अंतिम संस्कार नहीं करें जब तक की हमारी मांगें पूरी नहीं हो जाती है.''
डीएम ने कहा- मांग मान ली
औरंगाबाद के डीएम ने दावा किया कि महाराष्ट्र सरकार ने मराठा क्रांति मोर्चा की लगभग सभी मांगों को मान ली है. हमने खुदकुशी करने वाले युवक के परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया है. युवक के भाई को सरकारी नौकरी दी जाएगी.
पुलिस के मुताबिक, औरंगाबाद जिले के कायगांव निवासी 27 वर्षीय काकासाहब शिंदे एक पुल से गोदावरी नदी में कूद गया. उसे नदी से निकालकर अस्पताल ले जाया गया लेकिर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. यह घटना ऐसे समय में हुई है जब कल ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने पंढरपुर के मंदिर की अपनी यात्रा मराठा संगठनों की इस धमकी के बाद स्थगित कर दी कि वे कार्यक्रम में बाधा पहुंचायेंगे.
कई संगठनों ने फडणवीस के इस्तीफे की मांग करते हुए कायगांव (औरंगाबाद), कोल्हापुर में इचलकरंजी में सड़क मार्ग अवरुद्ध कर दिए और ठाणे में फडणवीस के पुतले पर टमाटर फेंके. कई मराठा संगठनों ने नौ अगस्त को अगस्त क्रांति मनाते हुए महाराष्ट्र बंद की घोषणा की है.
कांग्रेस का हमला
पुणे पहुंचे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने मराठा आंदोलन के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने खुद आरक्षण देने का वादा किया था और आज मुकर रहे हैं.
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