Protest Against Marathi Film Har Har Mahadev: महाराष्ट्र के पुणे और ठाणे में इतिहास से छेड़छाड़ के आरोप में सोमवार को मराठी फिल्म 'हर हर महादेव' के खिलाफ कुछ संगठन के लोग सड़कों पर उतर आए. उन्होंने इसकी आलोचना करते हुए प्रदर्शन किया, जिसके बाद इस फिल्म का प्रदर्शन रोक दिया गया.
रिपोर्ट के मुताबिक, पुणे शहर में मराठा संगठन के सदस्यों ने फिल्म के शो में रुकावट पैदा की, जबकि ठाणे में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता व पूर्व मंत्री जितेंद्र अव्हाड के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर एक सिनेमाघर में फिल्म की स्क्रीनिंग रोक दी.
एक दिन पहले ही संभाजी छत्रपति ने दी थी चेतावनी
बता दें कि एक दिन पहले, पूर्व राज्यसभा सदस्य और कोल्हापुर शाही परिवार के वंशज संभाजी छत्रपति ने इस मामले में चेतावनी दी थी कि यदि महान योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज पर आधारित किसी भी आगामी फिल्म में तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर पेश किया जाता है, तो वह इस तरह की फिल्मों का विरोध करेंगे और उनकी रिलीज को रोकने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे.
'वेदत मराठे वीर दौडले सात' को लेकर भी विरोध
शिवाजी महाराज के वंशज संभाजी छत्रपति ने (हाल ही में रिलीज हुई) मराठी फिल्म 'हर हर महादेव' और 'वेदत मराठे वीर दौडले सात' (एक आगामी फिल्म) पर भी अपनी कड़ी नाराजगी व्यक्त की. संभाजी ब्रिगेड के नेता संतोष शिंदे ने इस मामले पर कहा कि, ‘संभाजी ब्रिगेड' के सदस्यों ने पुणे के एक सिनेमाघर में 'हर हर महादेव' की स्क्रीनिंग रोक दी और सिनेमाघर मालिक को चेतावनी भी दी है. उन्होंने बताया कि 'हर हर महादेव' में इतिहास से छेड़छाड़ की गई है, जबकि जबकि 'वेदत मराठे वीर दौडले सात' में 'मावले' (छत्रपति शिवाजी महाराज के सैनिक) का भयावह चित्रण किया गया है.
दर्शकों में दिखा डर
अलग-अलग संगठनों की ओर से इन दोनों फिल्मों को लेकर किए गए प्रदर्शन ने आम लोगों को काफी डरा दिया. दरअसल इन सगंठन के कार्यकर्ता सीधे थियेटर पहुंचे, फिर वहां नारेबाजी और प्रदर्शन करने लगे. यह देखकर दर्शक डर गए. किसी भी तरह की अनहोनी के डर से अधिकतर दर्शक थियेटर से फौरन बाहर निकल गए.
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