औरंगाबाद: महाराष्ट्र के मराठवाडा क्षेत्र में भारी बारिश से जलस्तर बढ़ने के कारण मंजारा बांध से पानी छोड़े जाने से बीड, लातूर और उस्मानाबाद जिलों के कुछ गांवों में बाढ़ आने के बाद बुधवार तड़के बांध के 12 गेट बंद कर दिए गए.
सिंचाई विभाग गेटा जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, सुबह चार बजे बांध के कुल 18 गेटों में 12 गेट बंद करने से जलाशय से छोड़े जाने वाली पानी की मात्रा कम होकर 18,747 क्यूबिक मीटर प्रति सेंकड रह गयी है जबकि मंगलवार को यह 70,845 क्यूबिक मीटर प्रति सेकंड थी. सिंचाई विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि अभी बांध के छह गेट पानी छोड़े जाने के लिए खुले हैं.
560 से अधिक लोगों को बचाया गया
अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि पिछले दो दिनों में महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश, बाढ़ और बिजली गिरने से कम से कम 13 लोगों की मौत हुई है. मराठवाड़ा क्षेत्र बारिश का सबसे अधिक प्रकोप झेल रहा है. राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने 560 से अधिक लोगों को बचाया है.
200 से अधिक लोगों की हुई मौत
उन्होंने बताया कि 200 से अधिक मवेशियों की मौत हो गयी या वे बह गए और मूसलाधार बारिश में कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मंगलवार को मराठवाड़ा के कुछ स्थानों पर अगले 24 घंटों में ‘‘अत्यधिक भारी बारिश’’ का अनुमान जताया. मध्य महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र के तहत आठ जिले औरंगाबाद, लातूर, उस्मानाबाद, परभणी, नांदेड, बीड, जालना और हिंगोली आते हैं.
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