Marburg Virus Update: दुनिया अभी पूरी तरह से कोरोना वायरस (Coronavirus) के प्रकोप से उभरी भी नहीं थी कि, अब एक नए वायरस की दस्तक ने लोगों की नींद उड़ा दी है. कोरोना वायरस के कहर को पूरी दुनिया ने देखा. कोरोना के कारण महीनों तक कई देशों को लॉकडाउन (Lockdown) का सामना करना पड़ा और करोड़ों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी. दुनिया के ज्यादातर देशों को कोरोना संक्रमण के कारण आर्थिक नुकसान भी पहुंचा. काफी समय बाद एक बार फिर से लोगों की जिंदगी कोरोना से उबर कर पटरी पर लौट ही रही थी की, अब एक नए वायरस मारबर्ग (Marburg) की आहट ने लोगों के होश उड़ा दिए हैं.
स्काई न्यूज़ के मुताबिक, मारबर्ग वायरस के कारण घाना (Ghana) में पिछले महीने 2 लोगों की मौत हो गई थी. ये दोनों लोग मारबर्ग वायरस (Marburg Virus) से संक्रमित पाए गए थे. प्रशासन ने दोनों के संपर्क में आने वाले लोगों को एतिहातन आइसोलेट कर दिया है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने भी इसे लेकर अलर्ट जारी कर दिया है. WHO ने कहा कि अगर मारबर्ग वायरस को लेकर तुरंत सावधानियां नहीं बरतीं गई तो इस वायरस के फैलने पर हालात बेकाबू हो सकते हैं.
क्या है मारबर्ग वायरस?
मारबर्ग वायरस कोरोना की ही तरह चमगाड़ों के स्रोत के कारण होने वाली बीमारी है. विशेषज्ञों के मुताबिक, संक्रमित जानवर से इंसानों में वायरस के क्रॉसओवर के बाद इसका एक से दूसरे व्यक्ति में संचरण हो सकता है. जानकारों के मुताबिक, मारबर्ग वायरस के कारण मारबर्ग वायरस डिजीज (MVD) का खतरा होता है और इसकी मृत्युदर 88 फीसदी से अधिक हो सकती है. आपको बता दें कि ये वायरस भी इबोला परिवार का ही सदस्य है. बताया जा रहा है कि मारबर्ग इबालो से भी ज्यादा तेजी से संक्रमण फैलाता है. साल 1967 में जर्मनी के मारबर्ग और फ्रैंकफर्ट में सबसे पहले इस वायरस का प्रकोप देखा गया था.
मारबर्ग वायरस बीमारी के लक्षण
विशेषज्ञों के मुताबिक, मारबर्ग वायरस से पीड़ित इंसान में इसके लक्षण आने में 2-21 दिन का समय लगता है. इससे संक्रमित मरीज में बुखार, ठंड लगना, सिरदर्द और मायलगिया जैसे लक्षण दिख सकते हैं. अगर समय पर इसका इलाज नहीं किया जाता तो ये जानलेवा साबित हो सकता है.
कैसे फैलता है मारबर्ग वायरस?
विशेषज्ञों के मुताबिक, इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति के रक्त, शरीर के तरल पदार्थ जैसे मूत्र, लार, पसीना, मल, उल्टी, आदि के संपर्क में आने से संक्रमण दूसरे लोगों में फैल सकता है. यही नहीं संक्रमित व्यक्ति के कपड़े और बिस्तर के इस्तेमाल से भी संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है.
मारबर्ग वायरस बीमारी का बचाव और इलाज
जानकारों के अनुसार, मारबर्ग वायरस से संक्रमित मरीज को इलाज के तौर पर उसे लिक्विड डाइट और इलेक्ट्रोलाइट्स को नियंत्रित करने, ऑक्सीजन और ब्लड प्रेशर की स्थिति को कंट्रोल में रखने और खून की कमी न होने देने की सलाह दी जाती है. इसके अलावा संक्रमित व्यक्ति के साथ सीधे संपर्क में आने से बचना चाहिए. अगर आप प्रभावित इलाके में रह रहे हैं तो हाथों में दस्ताने और मास्क पहनना आवश्यक है. वहीं, संक्रमित व्यक्ति को क्वारंटीन में रखना चाहिए और इस दौरान उसके द्वारा इस्तेमाल की गई किसी भी चीज से उचित दूरी बनाए रखनी चाहिए.
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