कोलकाता: बीजेपी के ‘नबन्ना मार्च’ के दौरान उस समय पार्टी कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प हो गई जब कार्यकर्ताओं ने बैरिकेड को लांघने का प्रयास किया. राज्य में खराब होती कानून-व्यवस्था के खिलाफ कोलकाता और हावड़ा से बीजेपी के हजारों कार्यकर्ताओं ने राज्य सचिवालय ‘नबन्ना' तक मार्च का आयोजन किया था.


बीजेपी के ‘नबन्ना मार्च’ के दौरान हावड़ा के संतरागाछी में कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए पुलिस ने पानी की बौछारों, आंसू गैस का इस्तेमाल करने के साथ-साथ लाठियां भांजी. इसमें बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष राजू बनर्जी और सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो घायल हो गए.


कोलकाता के हेस्टिंग्स इलाके में भी पुलिस ने लाठी-चार्ज किया. कोलकाता और हावड़ा से ‘नबन्ना’ तक दो-दो मार्च निकाले जा रहे थे.






सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस सरकार ने बुधवार को महामारी अधिनियम का हवाला देते हुए प्रदर्शन की अनुमति देने से इनकार कर दिया था. साथ ही कहा था कि केवल मानकों का पालन करते हुए 100 लोगों के साथ लोकतांत्रिक रैलियों की इजाजत दी जाएगी.


राज्य सरकार ने ‘नबन्ना’ को रोगाणुमुक्त करने के लिए आठ अक्टूबर से दो दिन तक इसे बंद किए जाने की घोषणा की थी.


बीजेपी नेता मनीष शुक्ला की हत्या को लेकर पार्टी में आक्रोश है. उत्तरी 24 परगना में नगर निकाय के पार्षद शुक्ला की रविवार शाम को यहां से करीब 20 किलोमीटर दूर टीटागढ़ में मोटरसाइकिल पर सवार होकर आए हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. बीजेपी नेताओं ने इस मामले को लेकर राज्यपाल से भी मुलाकात की है.


अधिकारी ने कहा, ‘‘टीटागढ़ के समीप के एक चौराहे के निकट के एक सीसीटीवी कैमरे का फुटेज खंगालने के बाद हमने मोटरसाइकिल पर सवार लोगों की पहचान की. ये उस स्थान पर मौजूद थे जहां रविवार को शुक्ला की हत्या की गयी थी. ऐसा जान पड़ता है कि ये ऐसे लोग हैं जो इस वारदात को अंजाम देने के लिए पड़ोसी राज्यों से आये थे. हम उनका पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं, जांच चल रही है.’’