प्रधानमंत्री ने कल मैरीटाईम इंडिया समिट का शुभारम्भ किया उसके साथ इंडिया मैरीटाईम विजन 2020-30 को भी लॉन्च किया. जिस पर शिपिंग मिनिस्टर मनसुख मंडाविया ने कहा कि, इस विजन के तहत अगले 10 साल में भारत का मैरीटाईम इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित देशों के बराबर बनाने का लक्ष्य है.


मनसुख मंडाविया ने बताया कि, "आज मेरी विश्व की 23 कम्पनियों के सीईओ के साथ बैठक हुई. इसमें सी फेरर रिक्रूटमेंट एजेंसी भी थी. इन कम्पनियों ने अगले तीन साल में 25,000 भारतीय सी फेरर (नाविक और शिप के अन्य कार्यों की जॉब) को रिक्रूट करने की बात कही है. ये कम्पनियां भारतीय कम्पनियों के साथ मिल कर अंतरराष्ट्रीय स्तर का सी फेरर ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट भी भारत में स्थापित करना चाहती हैं. जिससे निकले स्किल्ड सी फेरर को ये कम्पनियां अपने यहां स्थाई तौर पर नियुक्त करेंगी."


उन्होंने आगे बताया कि, "भारत में सिम्स नाम का सरकारी इंस्टिट्यूट है जिसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर की ट्रेनिंग दी जाती है. नए इंस्टिट्यूट इसके अलावा होंगे. भारत में 2014 से पहले 94 हज़ार सी फेरर की नौकरियां थीं जो अब 2.5 लाख हैं. सी फेरर के अंतर्गत न्यूनतम स्वीपर की नौकरी होती है जिसे एक लाख रुपया महीना मिलता है. इसलिए इस क्षेत्र की नौकरियों पर ध्यान दे रहे हैं. अगले दस साल में इसे 5 लाख करने का लक्ष्य है."


मनसुख मंडाविया के मुताबिक, मेरीटाईम इन्वेस्टमेंट समिट के अंतर्गत भारत में शिप बिल्डिंग, शिप रिसाइकलिंग, पोर्ट आधुनिकीकरण, सी प्लेन, आई लैंड डेवलपमेंट, सी फेरर ट्रेनिंग के लिए निवेश के अवसर देखे जा रहे हैं. इसमें कई देशों के मंत्रियों ने भी हिस्सा लिया है. कुल 1,17,000 लोगों ने इस समिट में हिस्सा लेनें के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है. 3 लाख करोड़ से ज़्यादा एमओयू हुए हैं. 2030 तक भारत का मैरीटाईम सेक्टर वर्ल्ड क्लास का होगा.


देश के अंदर जलमार्ग भी खुल चुका है. 1400 किलोमीटर का हल्दिया से वाराणासी रूट है जिस पर तीन मल्टीमॉडल टर्मिनल बन चुका है- वाराणासी, साहिबगंज, हलदिया. यहाँ फ़ूड ग्रेन, फ़र्टिलाईज़र और लिक्विड कार्गो का ट्रांसपोर्टेशन चालू हो चुका है.


हलदिया से 200 किलोमीटर की दूरी पर सुंदरवन होते हुए बांग्लादेश में 800 किलोमीटर का प्रोटोकॉल रूट बन चुका है. यहाँ डूबरी से सदिया 910 किलोमीटर तक रूट चालू किया गया है. कुल मिलाकर 5000 इनलैंड वाटर वेज़ चालू हो चुका है जिसमें 25% की दर से कार्गो बढ़ रहा है. आने वाले दिनों में इनलैंड वाटरवेज़ और कोस्टल शिपिंग को प्रोमोट कर के हिन्टरलैंड के कंजेशन को कम किया जाएगा. प्रदूषण भी कम होगा. एक्सीडेंट्स भी कम होंगे.


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