आरा: बिहार के आरा के रहने वाले शहीद अभय मिश्रा के परिजनों का रो-रोक कर बुरा हाल है. पिता ने कहा कि लादेन पाकिस्तान में छिपा था तो अमेरिका ने ढूढ़ कर मार दिया, क्या यहां की सरकार नक्सलियों को नहीं मार सकती ?


देश की रक्षा में शहीद हो गए तुलसी गांव के अभय मिश्रा


छत्तीसगढ़ के सुकमा में सोमवार को हुए नक्सली हमले में सीआरपीएफ के 25 जवान शहीद हो गए. हमले में छह जवान घायल भी हुए हैं. ये जवान सीआरपीएफ की 74वीं बटालियन के थे. इस हमले में भोजपुर जिले के तुलसी गांव के अभय मिश्रा देश की रक्षा में शहीद हो गए.


अभय के घर जैसे ही ये सूचना मिली कि अभय शहीद हो गया है चूल्हे पर चढ़ी चाय वैसे ही रह गई और चुल्हा बुझ गया क्योंकि इस परिवार का चुल्हा अभय की कमाई से ही जला करता था. अभय के पिता का रो-रो कर बुरा हाल है तो वहीं उनकी मां कुछ हर पल सिर्फ अपने बेटे को पुकार रही हैं.


'अब मैं खुद भी सेना में नहीं जाऊंगा और ना ही किसी को जाने दूंगा'


अभय ने साल 2012 में रामपुर में सीआरपीएफ़ की 74वीं बटालियन को ज्वॉइन किया था और उसके बाद उनकी पोस्टिंग छत्तीसगढ़ के सुकमा में कर दी गई थी. तब से लेकर अब तक अभय की पोस्टिंग कहीं दूसरी जगह नहीं की गई.


अभय के घर में मां-पिता के अलावा उनका एक छोटा भाई है जो सेना में जाने की तैयारी कर रहा था. लेकिन भाई की शहादत के बाद अब उसने फ़ौज में जाने से इनकार कर दिया है. अभय के भाई का कहना है कि अब मैं खुद भी सेना में नहीं जाऊंगा और ना ही किसी को जाने दूंगा. अभय के पिता किसान हैं तो भाई बेरोजगार, अब अभय के पिता बिलखते हुए ये कहते हैं कि उनका घर अब कैसे चलेगा ?


''लड़ना है तो विदेशी ताकतों से लड़ो, देश में हम गरीबों को मारकर क्या करोगे ?''


अभय के पिता ने इस वारदात को लेकर सरकार को दोषी ठहरा रहे हैं. साथ ही उन्होंने नक्सालियों से अपील की है कि लड़ना है तो विदेशी ताकतों से लड़ो, देश में हम गरीबों को मारकर क्या करोगे ?


उन्होंने कहा कि नक्सली भी किसी गरीब के ही बेटे हैं, जो किसी के बहकावे में ये सब कर रहे हैं. मरवाने वाले बड़े लोग हैं जो सरकार में काबिज़ हैं.  तो वहीं अभय के दोस्तों ने अब अभय का बदला लेने के लिए फ़ौज में जाने की बात कही है.