नई दिल्ली: आज गणतंत्र दिवस के मौके पर सेना के वीर जवान शहीद हवलदार हंगपनदादा को मरणोपरांत शांतिकाल का सर्वोच्च सैनिक सम्मान अशोक चक्र से सम्मानित किया गया.


शहीद हंगपनदादा की पत्नी चासेंग लोवांग दादा ने राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के हाथों यह सम्मान स्वीकार किया. आपको बता दें कि अशोक चक्र को परमवीर चक्र के बराबर माना जाता है.


हंगपन दादा 26 मई को कुपवाड़ा में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए थे. इस हमले में हंगपन दादा के नेतृत्व में 13000 की फीट की ऊंचाई पर चार आतंकियों को ढेर कर दिया था.


शहीद हंगपन दादा अरुणाचल प्रदेश के बोदुरिया गांव के रहने वाले थे. वे 1997 में आर्मी की असम रेजीमेंट के जरिए आर्मी में शामिल हुए थे. बाद में 35 राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात किए गए.


शहीद हंगपन दादा की पत्नी चासेंग लोवांग दादा ने कहा, ''मैं आज बहुद दुखी भी हूं और बहुत खुस भी हूं. उन्होंने देश के लिए अपनी जान दे दी. देश के अन्य लोगों को भी आर्मी ज्वाइन करनी चाहिए. मेरी पति अभी भी मेरे साथ हैं. मेरे पति हमेशा चाहते थे कि मेरा बेटा भी सेना में जाए.''