नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद ने आज पाकिस्तान के आतंकवादी मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित कर दिया है. अपनी लाख कोशिशों के बावजूद चीन पाकिस्तान के लाडले मसूद अजहर को नहीं बचा पाया, आखिरकार आज चीन को मसूद अजहर के खिलाफ लाए प्रस्ताव का समर्थन करना पड़ा. चीन की तरफ से कहा गया है कि अमेरिका, यूके और फ्रांस के प्रस्ताव को ध्यानपूर्वक पढ़ने के बाद उसने कोई भी आपत्ति नहीं पाई, इसलिए वो अपना टेक्निकल होल्ड हटा रहा है.
ये भारत के लिए बहुत बड़ी कूटनीतिक जीत है क्योंकि पिछले 10 सालों से भारत इस खबर का इंतजार कर रहा था और लगातार कोशिश कर रहा था. यूएन में भारत के राजदूत सैयद अकबरुद्दीन ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा, ''मसूद अजहर को दुनिया भर में आतंक फैलाने वाले शख्स के तौर पर घोषित कर दिया गया है, ये हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि हम कई सालों से इस कोशिश में लगे थे. पिछले कुछ समय में हमने इस लक्ष्य को पाने के लिए पूरा जोर लगा दिया, जिस कारण हम अपने मकसद में कामयाब हुए.''
मसूद अजहर ने भारत में कब-कब आतंक फैलाया?
मसूद अजहर पाकिस्तान से चलने वाले आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद का सरगना है. साल 1999 में भारत से पाकिस्तान पहुंचने के बाद मसूद ने संगठन जैश-ए-मोहम्मद का गठन किया. इसके बाद वो लगातार भारत-विरोधी आतंकी वारदातों को अंजाम देने लगा. अप्रैल 2000 में श्रीनगर के बादामी बाग कैंटोमेंट में जैश के आतंकियों मे आईईडी के जरिए कार बम धमाका किया, इस हमले में करीब 30 लोग मारे गए. 13 दिसंबर 2001 को जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों ने भारतीय संसद पर हमला किया. इस हमले के लिए पांच आतंकवादी घातक हथियारों के साथ आए थे. संसद पर हुए इस हमले में में नौ लोगों की जान गई. इस हमले में शामिल पांचों आतंकवादी भी मारे गए. साल 2016 में उरी में आर्मी कैंप पर हमले के पीछे भी मसूद अजहर था, इस हमले में 19 जवान शहीद हुए थे. इसके साथ ही फरवरी महीने पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर हमले का मास्टरमाइंड भी मसूद अजहर है. इस हमले में 44 जवानों की शहादत हुई थी, इस शहादत का बदला भारत की वायुसेना ने पाकिस्तान में जैश के अड्डों पर एयरस्ट्राइक करके लिया.
कौन है आतंक का आका मसूद अजहर?
मसूद अजहर का जन्म पाकिस्तान के बहावलपुर में हुआ. उसकी पढ़ाई कराची के जामिया उलूम उल इस्लामिया में हुई और वह हरकत-उल-अंसार से जुड़ गया. और यहीं से उसने आतंकी गतिविधियां शुरू की. साल 1994 के करीब मसूद अजहर श्रीनगर आ गया, उसे उसी साल फरवरी में गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया. आतंकियों ने मसूद अजहर को छुड़ाने की कई बार कोशिशें की. साल 1995 में जम्मू-कश्मीर से कुछ विदेशी पर्यटकों को अगवा कर लिया गया. आतंकियों ने पर्यटकों को छोड़ने के बदले मसूद अजहर को जेल से रिहा करने की मांग रखी. इस बीच आतंकियों के चंगुल से एक विदेशी पर्यटक फरार हो गया, बाद में आतंकियों ने सभी पर्यटकों की हत्या कर दी.
इसके बाद आतंकियों ने साल 1999 में आतंकी मसूद अजहर को छुड़वाने की कोशिश की जिसमें वे कामयाब रहे. दरअसल, दिसंबर 1999 में काठमांडू एयरपोर्ट से इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट, नई दिल्ली जाने वाले भारतीय विमान IC814 को आतंकियों ने हाईजैक कर लिया और विमान को लेकर अफगानिस्तान के कंधार चले गए. अपहरण किए गए विमान में कुल 178 सवार थे. आतंकियों ने यात्रियों को छोड़ने के बदले मसूद अजहर, अहमद उमर सईद शेख और मुश्ताक अहमद ज़रगर को रिहा करने की मांग की. पूरे हाईजैक के पीछे मसूद अजहर के छोटे भाई अब्दुल रऊफ असगर का हाथ था.
उच्च स्तर पर तमाम चर्चाओं के बाद अजहर समेत तीनों आतंकियों को जम्मू की कोट भलवाल कारावास से निकालकर कंधार ले जाया गया. जिसके बाद आतंकियों ने सभी यात्रियों को रिहा कर दिया. मसूद अजहर ने उसके बाद साल 2000 में जैश-ए-मोहम्मद का गठन किया और वह लगातार कश्मीर में युवाओं को भड़काने और आजादी की बात करता आ रहा है.
ग्लोबल आतंकी घोषित होने से अब क्या होगा?
भारत सरकार पिछले कई सालों से मसूद को ग्लोबल आतंकी घोषित करवाने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अपील कर रहा था लेकिन हर बार उसे चीन बचा लेता था. ग्लोबल आतंकी घोषित होने के बाद मसूद अज़हर किसी भी देश में यात्रा नहीं कर पाएगा. पूरी दुनिया में मसूद की संपत्तियां जब्त कर ली जाएंगी. मसूद किसी भी देश से हथियार नहीं खरीद पाएगा और सबसे बड़ी बात इसके बाद पाकिस्तान पूरी दुनिया के सामने खुलकर मसूद अज़हर का बचाव भी नहीं कर पाएगा.
पाकिस्तान में आतंकियों के रसूख को देखते हुए इस बात की उम्मीद मुश्किल है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंधित सूची में नाम जोड़े जाने के बाद उसके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई होगी. पहले से प्रतिबंधित सूची में मौजूद हाफिज सईद जैसे आतंकी सरगना को हासिल सहूलियतों को देखते हुए इसका अंदाजा भी लगाया जा सकता है. हालांकि आतंकवाद को लेकर बढ़ते दबाव और एफएटीफ ब्लैकलिस्टिंग की लटकती तलवार के बीच इस बात से इनकार भी नहीं किया जा सकता कि दिखावे के लिए ही सही मगर मसूद अजहर पर नकेल कसना पाकिस्तान की मजबूरी जरूर होगी.
चीन ने कब कब भारत की कोशिश में लगाया अड़ंगा?
10 साल से भारत ये कोशिश कर रहा था और आज उसे जीत मिली. 2009 में भारत की पहली कोशिश पर चीन ने ब्लॉक किया, फिर 2016 में भारत की दूसरी कोशिश को चीन ने ब्लॉक किया. इसके बाद 2017 में तीन देश अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की कोशिश को भी चीन ने ब्लॉक किया. 2019 में फिर तीन देशों की कोशिश पर चीन ने टेक्निकल होल्ड लगा दिया. 2019 में पांचवी कोशिश पर चीन को हार माननी पड़ी और आज मसूद अजहर ग्लोबल आतंकी घोषित हो गया.
हालांकि चीन को इस बात का दुख बहुत है कि वो इस बार अपने दोस्त पाकिस्तान के आतंकवादी को बचा नहीं पाया. चीन का ये दुख उसके आधिकारिक बयान से दिखता है. जिसमें चीन ने ये कहा है कि पाकिस्तान ने आतंकवाद से लड़ने के लिए बहुत योगदान दिया है, इसलिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को उसके इस योगदान को पहचानना चाहिए.