रखाइन: रखाइन के येबावक्या गांव में तीन कब्रों से 45 लाशें निकाली गई हैं, ये सभी आसपास के गांव के रहने वाले हिंदुओं की हैं.  मृतकों में पुरूष, महिलाएं और बच्चे हैं.  25 अगस्त को आतंकी संगठन अराकान रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी के हमले में 100 से ज्यादा हिंदू लापता हो गए थे.


इन लाशों के मिलने के बाद रोहिंग्या पर राजनीति और ज्यादा गर्मा गयी है. बीजेपी का कहना है कि हिंदुओं के कत्लेआम के बाद उन लोगों को सीख लेनी चाहिए जो रोहिंग्या मुसलमानों का समर्थन कर रहे हैं.


उधर संयुक्त राष्ट्र में भी रोहिंग्या मुसलमानों का मुद्दा उठा.  यूएन में म्यांमार के राजदूत ने रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ कार्रवाई की आलोचना करने वालों को कड़ा जवाब दिया.



संयुक्त राष्ट्र में म्यांमार के राजदूत हाउ दो सुआन ने कहा, ‘’अत्याचार, जातीय सफाई और नरसंहार जैसे शब्दों का इस्तेमाल हल्के रूप से नहीं किया जाना चाहिए. ठोस प्रमाण के बाद ही ऐसे शब्द इस्तेमाल में लाये जाने चाहिए. अत्याचार, जातीय सफाई और नरसंहार बेहद गंभीर आरोप हैं.’’


जिस रखाइन प्रांत में रोहिंग्या मुस्लिम हैं वहां से उनके पलायन का सिलसिला जारी है. वहां से भागे हुए लाखों रोहिंग्या मुसलमान इस वक्त बांग्लादेश आ चुके हैं. जहां उनके लिए अस्थायी शरणार्थी कैंप बनाए गए हैं और इनकी संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है.