नई दिल्ली: सरकारी एयरलाइंस कंपनी एयर इंडिया का डाटा लीक होने का मामला सामने आया है. कंपनी के मुताबिक, इस घटना ने 45 लाख यात्रियों के डाटा को प्रभावित किया है. कंपनी ने कहा कि इसमें उपभोक्ताओं की निजी जानकारियां जिसमें नाम, डेट ऑफ बर्थ, कॉन्टैक्ट, पासपोर्ट की जानकारी, टिकट की जानकारी, स्टार अलायंस, एयर इंडिया फ्रिक्वेंट फ्लाइर डाटा (पासवर्ड डाटा प्रभावित नहीं हुआ है) और क्रेडिट कार्ड की जानकारी शामिल है.


एयर इंडिया के मुताबिक, डाटा ब्रीच की ये घटना 26 अगस्त 2011 से 3 फरवरी 2021 के बीच की है. कंपनी ने क्रेडिट कार्ड के संबंध में कहा कि हमारे डेटा प्रोसेसर के पास सीवीवी/सीवीसी नंबर नहीं होते हैं. बाद में हमारे डाटा प्रोसेसर ने इस बात को सुनिश्चित किया कि प्रभावित सर्वर पर किसी तरह की कोई असमान्य गतिविधि नहीं देखी गई.






डाटा लीक की घटना के कंपनी ने क्या किया?


एयर इंडिया के मुताबिक, इस घटना के सामने आने के बाद तुरंत उसने इसकी जांच की. प्रभावित सर्वर्स को सुरक्षित किया गया. क्रेडिट कार्ड जारीकर्ताओं से संपर्क किया गया और उन्हें सूचित किया गया. साथ ही एयर इंडिया एफएफपी प्रोग्राम के पासवर्ड को रीसेट किया गया.


डाटा सुरक्षित रहे इसको लेकर कंपनी ने यात्रियों से कहा है कि वे अपना पासवर्ड बदले. बयान में एयर इंडिया ने कहा कि हम और हमारे डाटा प्रोसेसर कार्रवाई जारी रखेंगे, इस बीच हम यात्रियों को पासवर्ड बदलने के लिए प्रोत्साहित करेंगे. यात्रियों की निजी जानकारी को सुरक्षित रखना हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण है.


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